उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस राज्य की भूगोलिक परिस्थितियाँ इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती हैं। उत्तराखंड में प्रमुख आपदाएँ निम्नलिखित हैं:

 उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस राज्य की भूगोलिक परिस्थितियाँ इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती हैं। उत्तराखंड में प्रमुख आपदाएँ निम्नलिखित हैं:


1. **बाढ़**: मानसून के दौरान भारी वर्षा के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। 2013 की केदारनाथ आपदा एक प्रमुख उदाहरण है जब अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।


2. **भूस्खलन**: पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बर्फ पिघलने के कारण भूस्खलन की घटनाएँ सामान्य हैं। भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं और गाँवों का संपर्क टूट जाता है।


3. **बर्फीले तूफान**: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फीले तूफान आम हैं। ये तूफान जान-माल को नुकसान पहुँचाते हैं और यात्रा को बाधित करते हैं।


4. **भूकंप**: उत्तराखंड एक भूकंप प्रवण क्षेत्र में स्थित है। राज्य में समय-समय पर छोटे और मध्यम आकार के भूकंप आते रहते हैं।


5. **वनाग्नि (जंगल की आग)**: गर्मियों के दौरान जंगल में आग लगने की घटनाएँ सामान्य हैं। ये आग पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं और जीव-जंतुओं के लिए खतरा होती हैं।


### भूगोलिक विशेषताएँ


1. **पहाड़ी इलाका**: उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा पहाड़ी है, जहाँ की ऊँचाई समुद्र तल से 300 मीटर से लेकर 7,800 मीटर तक है। हिमालय की ऊँची चोटियाँ और गहरे घाटियाँ यहाँ की विशेषता हैं।


2. **नदी तंत्र**: गंगा, यमुना, अलकनंदा, और भागीरथी जैसी प्रमुख नदियाँ यहाँ से बहती हैं। ये नदियाँ राज्य की जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत हैं, लेकिन साथ ही बाढ़ का खतरा भी उत्पन्न करती हैं।


3. **जलवायु**: यहाँ की जलवायु विविध है। निचले क्षेत्रों में उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु, जबकि ऊँचे क्षेत्रों में अल्पाइन जलवायु पाई जाती है। मानसून के दौरान यहाँ भारी वर्षा होती है, जो बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनती है।


4. **ग्लेशियर**: उत्तराखंड में कई प्रमुख ग्लेशियर हैं जैसे गंगोत्री और पिंडारी ग्लेशियर। ये ग्लेशियर गर्मियों में पिघलकर नदियों को पानी प्रदान करते हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इनका पिघलना अनियमित हो गया है।


इन भूगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड में आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन आपदाओं के प्रबंधन और राहत कार्यों में सक्रिय रहते हैं, लेकिन चुनौतियाँ हमेशा बनी रहती हैं।

@udaen

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