1 जुलाई 2024 से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं.
1 जुलाई 2024 से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं, जो पुराने औपनिवेशिक युग के कानूनों को प्रतिस्थापित करेंगे। ये नए कानून हैं:
1. **भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita)** - यह भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित करेगी।
2. **भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita)** - यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) को प्रतिस्थापित करेगी।
3. **भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam)** - यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को प्रतिस्थापित करेगी।
इन कानूनों का उद्देश्य भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक समकालीन और प्रभावी बनाना है। कुछ प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:
- **धारा 302** (हत्या का दंड) अब **धारा 101** के तहत आएगी, जबकि **धारा 302** अब छीनाझपटी के लिए प्रयोग होगी।
- **धारा 420** (धोखाधड़ी) को **धारा 316** में स्थानांतरित किया गया है।
- **धारा 144** (अवैध सभा) अब **धारा 187** के अंतर्गत होगी।
- **धारा 376** (बलात्कार का दंड) अब **धारा 63** के अंतर्गत होगी, जबकि **धारा 70** गैंग रेप के अपराध को कवर करेगी।
- **धारा 124-A** (देशद्रोह) को **धारा 150** के अंतर्गत स्थानांतरित किया गया है।
इन नए कानूनों में आतंकवाद की परिभाषा पहली बार स्पष्ट की गई है और राजद्रोह को 'देशद्रोह' के रूप में पुन: परिभाषित किया गया है। इन परिवर्तनों के तहत, न्यायालय की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी और उम्मीद की जा रही है कि मामलों का निपटान तीन साल के भीतर हो सकेगा.
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