मानव की सात मूलभूत भावनाएँ

मानव की सात मूलभूत भावनाएँ वे भावनाएँ हैं जो हर इंसान स्वाभाविक रूप से अनुभव करता है और व्यक्त करता है। ये भावनाएँ सभी संस्कृतियों में समान होती हैं और मनोवैज्ञानिक पॉल एकमैन द्वारा पहचान की गई थीं।

1. खुशी (Happiness)

विवरण: आनंद, संतोष या प्रसन्नता की भावना।

उदाहरण: अच्छी खबर सुनकर मुस्कुराना या किसी लक्ष्य को प्राप्त करने पर खुश होना।

उद्देश्य: सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करना और सामाजिक संबंधों को मजबूत करना।


2. दुख (Sadness)

विवरण: हानि, निराशा या असहायता की भावना।

उदाहरण: किसी प्रियजन को खोने पर रोना या असफलता के बाद दुखी होना।

उद्देश्य: दुःख को समझने और दूसरों से सहारा पाने में मदद करना।


3. भय (Fear)

विवरण: खतरे या डर की भावना।

उदाहरण: खतरनाक स्थिति में घबराना या अज्ञात चीजों से डरना।

उद्देश्य: "लड़ो या भागो" (fight or flight) की प्रतिक्रिया को सक्रिय करके खुद को बचाना।


4. गुस्सा (Anger)

विवरण: नाखुशी या आक्रोश की तीव्र भावना।

उदाहरण: अन्याय होने पर चिल्लाना या नाराज होना।

उद्देश्य: अन्याय या खतरों से निपटने के लिए प्रेरित करना।


5. आश्चर्य (Surprise)

विवरण: किसी अप्रत्याशित घटना पर प्रतिक्रिया।

उदाहरण: अचानक उपहार पाकर चौंक जाना या अप्रत्याशित स्थिति का सामना करना।

उद्देश्य: नई परिस्थितियों के प्रति सतर्कता और अनुकूलनशीलता बढ़ाना।


6. घृणा (Disgust)

विवरण: किसी अप्रिय या अवांछनीय चीज़ के प्रति नापसंदगी।

उदाहरण: खराब गंध, सड़ा हुआ खाना या अनैतिक व्यवहार देखकर प्रतिक्रिया देना।

उद्देश्य: नुकसानदायक या अस्वस्थ चीज़ों से बचाव करना।


7. तिरस्कार (Contempt)

विवरण: किसी के प्रति श्रेष्ठता या अस्वीकृति की भावना।

उदाहरण: किसी गलत व्यवहार को देखकर तिरछी नजर से देखना या उनकी बात को अनसुना करना।

उद्देश्य: सामाजिक पदानुक्रम बनाए रखना या अपनी सीमाओं को व्यक्त करना।


निष्कर्ष:

ये सात भावनाएँ मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये न केवल हमारी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती हैं बल्कि हमारे अस्तित्व, सामाजिक जुड़ाव और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक हैं।


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