Disaster Resilient (आपदा-लचीला) का अर्थ और महत्व



Disaster Resilient का अर्थ है किसी व्यक्ति, समाज, प्रणाली, या संरचना की प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं से निपटने, उनके प्रभाव को कम करने, और तेजी से पुनर्बहाली (recovery) करने की क्षमता। यह आपदा प्रबंधन (Disaster Management) का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो सतत विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।


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Disaster Resilience के प्रमुख तत्व

1. जोखिम की पहचान और मूल्यांकन (Risk Identification & Assessment)

संभावित आपदाओं (जैसे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात) की पहचान करना।

कमजोर वर्गों (जैसे पहाड़ी क्षेत्रों, तटीय क्षेत्रों, घनी आबादी वाले शहरों) को चिह्नित करना।



2. आपदा से पूर्व तैयारी (Preparedness)

भवन निर्माण में भूकंप-रोधी तकनीकों का उपयोग।

जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करना ताकि बाढ़ का खतरा कम हो।

आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान।



3. आपदा के प्रभाव को कम करना (Mitigation)

हरित बुनियादी ढांचे (Green Infrastructure) को बढ़ावा देना।

जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के उपाय अपनाना।

उचित शहरी योजना और भूमि उपयोग प्रबंधन।



4. प्रभावी प्रतिक्रिया (Response)

आपदा के दौरान त्वरित राहत और बचाव कार्य।

प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएं (Emergency Services) और राहत सामग्री की आपूर्ति।

प्रभावी संचार और चेतावनी प्रणाली का विकास।



5. पुनर्वास और पुनर्निर्माण (Recovery & Rehabilitation)

तेजी से पुनर्निर्माण और बुनियादी सुविधाओं की बहाली।

सामुदायिक पुनर्वास और रोजगार पुनर्स्थापन।

दीर्घकालिक योजना बनाना ताकि भविष्य में जोखिम कम हो।





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Disaster Resilient Infrastructure और Communities

भवन और सड़कें: भूकंप-रोधी निर्माण सामग्री और डिजाइनों का उपयोग।

कृषि: जलवायु-समझी (Climate Smart) कृषि तकनीकों को अपनाना।

स्वास्थ्य: अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं को आपदा के अनुकूल बनाना।

संचार प्रणाली: मजबूत टेलीफोन, इंटरनेट, और आपातकालीन संचार सुविधाएं।

स्थानीय समुदायों की भागीदारी: स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करना और जागरूक बनाना।



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भारत में Disaster Resilient उपाय

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA): आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction - DRR) पर कार्य करता है।

भूकंप और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं।

स्मार्ट सिटी मिशन में आपदा-लचीली बुनियादी संरचनाओं को शामिल किया जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन अनुकूलन योजना (Climate Adaptation Plan) के तहत पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।



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निष्कर्ष

Disaster Resilient Systems और Communities बनाना आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसके लिए सरकार, वैज्ञानिक समुदाय, स्थानीय निकायों, और आम जनता को मिलकर काम करना होगा। आपदा लचीलेपन से न केवल जान-माल की हानि कम होगी, बल्कि सतत विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।


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