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Showing posts from November, 2024

Travelling is an investment,how?

Traveling can be considered an investment in multiple ways, enriching various aspects of your life. Here's how: 1. Personal Growth and Knowledge Broadens Perspectives: Traveling exposes you to different cultures, languages, and traditions, enhancing your understanding of the world. Boosts Creativity: Experiencing new environments and people can inspire innovative ideas and solutions in your personal or professional life. 2. Mental and Physical Well-being Reduces Stress: A break from routine helps recharge your mental health. Promotes Physical Health: Activities like hiking, exploring, and walking contribute to physical fitness. 3. Educational Value Hands-On Learning: Visiting historical sites, museums, or natural wonders provides a deeper understanding than books or screens can offer. Skill Development: You often develop new skills like navigation, communication in foreign languages, or adaptability. 4. Social and Professional Networking Expands Connections: Travel introduces you t...

Solo travelling is an investment ,how?

Solo traveling is a unique form of investment that contributes to personal and professional growth in profound ways. Here’s how: 1. Self-Discovery and Confidence Enhances Self-Awareness: Being alone in new environments helps you understand your strengths, weaknesses, and preferences. Builds Confidence: Successfully navigating unfamiliar places and situations boosts self-assurance and independence. 2. Improved Decision-Making Skills Problem-Solving: Solo travelers often face unexpected challenges, which sharpens their ability to make quick and effective decisions. Adaptability: Learning to adjust to diverse situations prepares you for life's uncertainties. 3. Mental and Emotional Well-Being Self-Care: Time alone allows for reflection, mindfulness, and a deeper connection with oneself. Stress Reduction: Traveling solo at your own pace reduces pressure and enhances relaxation. 4. Freedom and Flexibility Tailored Experiences: You have the liberty to design your travel itinerary based o...

मार्क्स और विचारधारा का स्कूल: एक विस्तृत परिचय

कर्ल मार्क्स (1818–1883) एक क्रांतिकारी विचारक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री और इतिहासकार थे, जिनके विचारों ने मार्क्सवाद का आधार तैयार किया, जो कई शैक्षिक क्षेत्रों और राजनीतिक विचारधाराओं पर प्रभाव डालता है। यह लेख मार्क्स के दर्शन के मुख्य विचारों, उनके ऐतिहासिक संदर्भ, प्रमुख तत्वों और उनके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करता है। --- 1. मार्क्स के विचारों का ऐतिहासिक संदर्भ मार्क्स ने अपने विचार 19वीं सदी में विकसित किए, जो कुछ प्रमुख घटनाओं से प्रभावित था: औद्योगिक क्रांति: तेज़ औद्योगिकीकरण ने कुछ लोगों को विशाल संपत्ति दी, जबकि श्रमिक वर्ग को ग़रीबी और खराब जीवन-स्थितियों का सामना करना पड़ा। आर्थिक असमानता: पूंजीवादी व्यवस्था ने उत्पादन के मालिकों (बुर्जुआ) और श्रमिकों (प्रोलेटेरियट) के बीच असमानता को बढ़ावा दिया। दार्शनिक प्रभाव: मार्क्स को जर्मन आदर्शवाद (हेगेल), फ्रांसीसी समाजवाद और ब्रिटिश राजनीतिक अर्थशास्त्र (एडम स्मिथ, डेविड रिकार्डो) से प्रेरणा मिली। --- 2. मार्क्सवाद के मुख्य सिद्धांत मार्क्स का कार्य मुख्य रूप से पूंजीवाद की समझ और आलोचना पर केंद्रित था, साथ ही एक वैक...

Marx and the School of Thought: A Comprehensive Overview

Karl Marx (1818–1883) was a revolutionary thinker, philosopher, economist, sociologist, and historian whose ideas laid the foundation for Marxism, a school of thought that continues to influence numerous academic disciplines and political ideologies. This article explores the core concepts of Marx's philosophy, its historical context, key components, and its impact on global thought. --- 1. Historical Context of Marx's Ideas Marx developed his theories during the 19th century, a time marked by: Industrial Revolution: Rapid industrialization created vast wealth for a few while subjecting the working class to poor living and working conditions. Economic Inequality: The capitalist system fostered inequality between the bourgeoisie (owners of production) and the proletariat (working class). Philosophical Influences: Marx was influenced by German idealism (Hegel), French socialism, and British political economy (Adam Smith, David Ricardo). --- 2. Core Principles of Marxism Marx'...

‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’

‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’ यह वाक्य कला की स्वाभाविकता और उसकी सार्वभौमिकता को दर्शाता है। कला एक ऐसी भावना या अभिव्यक्ति है जो किसी सीमा, धर्म, भाषा, या भूगोल से बंधी नहीं होती। इसका उद्देश्य केवल जुड़ाव और सृजनात्मकता है। जब हम कला से जुड़ते हैं, तो यह हमें एक नई दुनिया में ले जाती है जहाँ हमारी भावनाएँ, विचार, और दृष्टिकोण खुलकर सामने आते हैं। यह वाक्य हमें यह समझाने का प्रयास करता है कि कला मानवता के लिए एक साझा मंच है, जहाँ हम सभी अपनी सांस्कृतिक विविधता और व्यक्तिगत दृष्टिकोण के बावजूद एक साथ आ सकते हैं।

क्या उत्तराखंड वर्तमान में विकास और चुनौतियों के बीच खड़ा है ?

उत्तराखंड वर्तमान में विकास और चुनौतियों के बीच खड़ा है। राज्य की भौगोलिक, सांस्कृतिक, और प्राकृतिक विशेषताओं ने इसे एक विशेष स्थान दिया है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पलायन: स्थिति: पलायन उत्तराखंड का एक गंभीर मुद्दा है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार और बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते युवा और कुशल जनसंख्या मैदानी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रही है। कारण: 1. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव। 2. स्वरोजगार के अवसरों की कमी। 3. कृषि और पारंपरिक रोजगार का घटता आकर्षण। समाधान: 1. स्थानीय उद्योगों का विकास: जैसे कि पर्यटन, बागवानी, औषधीय पौधों की खेती। 2. ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा: शिक्षा, स्वास्थ्य और इंटरनेट कनेक्टिविटी। 3. महिला और युवा समूहों की भागीदारी: महिला मंगल दल और युवा मंगल दल को सशक्त बनाकर। स्वरोजगार: स्थिति: स्वरोजगार के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन जागरूकता और संसाधनों की कमी से उनका पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। कारण: 1. पारंपरिक उद्योगों का आधुनिकरण न होना। 2. प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों का ...

ब्रह्मांड के नियम (Law of the Universe)

 ### **ब्रह्मांड के नियम (Law of the Universe)**   ब्रह्मांड के नियमों को समझने के लिए उन्हें दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:   1. **वैज्ञानिक नियम:** जो भौतिक जगत को संचालित करते हैं।   2. **दार्शनिक और आध्यात्मिक नियम:** जो मानव अनुभव और ब्रह्मांड की ऊर्जा के बीच संतुलन को दर्शाते हैं।   --- ### **1. ब्रह्मांड के वैज्ञानिक नियम**   ये नियम भौतिक ब्रह्मांड के संचालन के आधार हैं और इन्हें परीक्षण और अनुभव से प्रमाणित किया गया है।   #### **क. भौतिकी के नियम (Laws of Physics):** 1. **गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Gravitation):**      - हर वस्तु दूसरी वस्तु को गुरुत्वाकर्षण बल से आकर्षित करती है।      - **न्यूटन का नियम** और **आइंस्टाइन का सापेक्षता सिद्धांत** इसे समझाने में सहायक हैं।   2. **गति के नियम (Laws of Motion):**      - न्यूटन के तीन मुख्य नियम:        1. कोई भी वस्तु स्थिर या गतिमान तब तक रहती है, जब तक उस पर बा...

Universal Laws: Understanding the Laws of the Universe

 ### **Universal Laws: Understanding the Laws of the Universe** The "laws of the universe" are a mix of scientific principles, natural phenomena, and philosophical concepts that describe how the cosmos operates. These laws can be broadly classified into **scientific laws**, which govern physical reality, and **spiritual/philosophical laws**, which reflect human understanding of existence and harmony. --- ### **1. Scientific Laws of the Universe** These laws are based on empirical evidence and govern the functioning of the physical universe: #### **a. Laws of Physics:** 1. **Law of Gravitation:**      - Every mass exerts a gravitational force on every other mass. This explains the motion of planets, stars, and galaxies.      - **Newton’s law of gravitation** and **Einstein’s general relativity** describe gravity. 2. **Laws of Motion:**      - Newton’s three laws govern how objects move:      - An object remai...

नगर निगम व्यय निधि संवितरण पद्धति,Municipal Corporation Expenditure Fund Disbursement Methodology

 ### **Municipal Corporation Expenditure Fund Disbursement Methodology**   नगर निगम व्यय निधि संवितरण पद्धति नगर निगम (Municipal Corporation) का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं का प्रबंधन करना है। इसके लिए नगर निगम विभिन्न स्रोतों से फंड प्राप्त करता है और इन फंड्स का वितरण और उपयोग एक व्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।   --- ### **1. फंड के मुख्य स्रोत:**   नगर निगम को फंड कई स्रोतों से मिलता है:   1. **राजस्व संग्रह:**      - संपत्ति कर (Property Tax)।      - जल और सीवेज शुल्क।      - मनोरंजन कर और अन्य स्थानीय कर।   2. **राज्य और केंद्रीय अनुदान:**      - **राज्य सरकार:** राज्य वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान।      - **केंद्र सरकार:**        - स्मार्ट सिटी मिशन।        - अमृत (AMRUT)।        - स्वच्छ भारत मिशन।...

MLA Fund (विधायक निधि) का बजट वितरण प्रक्रिया

 ### **MLA Fund (विधायक निधि) का बजट वितरण प्रक्रिया**   भारत में विभिन्न राज्यों में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (MLA Fund) योजनाएं लागू की जाती हैं। यह योजना सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) की तरह है, लेकिन इसे राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। प्रत्येक राज्य में यह योजना अलग-अलग नियमों और प्रक्रिया के तहत लागू होती है। इसका उद्देश्य विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र की विकास संबंधी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य कराने का अधिकार देना है।   --- ### **मुख्य विशेषताएं:**   1. **फंड का आवंटन:**      - प्रत्येक विधायक को एक निश्चित राशि दी जाती है, जो राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है। यह राशि आमतौर पर ₹1 करोड़ से ₹5 करोड़ प्रति वित्तीय वर्ष के बीच होती है।      - यह फंड केवल सार्वजनिक और सामुदायिक उपयोग के कार्यों के लिए है।   2. **प्रशासनिक नियंत्रण:**      - विधायक निधि का क्रियान्वयन संबंधित **जिला कलेक्टर** या **जिला मजिस्ट्रेट** के माध्यम से होता है।...

MP Local Area Development Scheme (MPLADS)

 ### **MP Local Area Development Scheme (MPLADS)**   सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके तहत सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए निधि उपलब्ध कराई जाती है। इसका उद्देश्य है सांसदों को अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं के अनुसार विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने का अधिकार देना।   --- ### **प्रमुख विशेषताएं:**   1. **आरंभ:**      MPLADS की शुरुआत **1993** में हुई थी।       2. **उपलब्ध निधि:**      - प्रत्येक सांसद को हर वर्ष ₹5 करोड़ की राशि दी जाती है।      - यह राशि सांसदों द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों के लिए उपयोग की जाती है।   3. **प्रभावित क्षेत्र:**      - **लोकसभा सांसद** अपने संसदीय क्षेत्र में काम करवाते हैं।      - **राज्यसभा सांसद** राज्य के किसी भी क्षेत्र में काम करवा सकते हैं।      - **नामित सांसद** (जैसे राष्ट्रपति द्व...

संयुक्त राष्ट्र की घोषणाएं और जलवायु परिवर्तन और उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति

 ### **1. संयुक्त राष्ट्र की घोषणाएं और जलवायु परिवर्तन**   संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) ने जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व किया है। हाल की घोषणाएं इस बात पर जोर देती हैं कि:   - ग्लोबल वार्मिंग को 1.5°C तक सीमित करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।   - ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया जाए।   - जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में अनुकूलन के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई जाए।   - विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा दिया जाए।   ये घोषणाएं COP जैसे सम्मेलनों की नींव हैं।   --- ### **2. COP29 (कॉप 29)**   **29वां कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP29)** 2024 में **बेलीज और त्रिनिदाद और टोबैगो** में आयोजित होगा। यह पहली बार है जब किसी छोटे द्वीप विकासशील देश (Small Island Developing State) को इसकी मेजबानी का अवसर मिला है। इसके मुख्य विषय होंगे:   - द्वीपीय देशों की जलवायु चुनौतियों जैसे समुद्र के बढ़ते स्तर और चरम मौसम की घटनाओं पर चर्...

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के कारण उसका प्रभाव और उपाय

  प्रशासनिक अक्षमता और जवाबदेही की कमी : सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय न होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। समय पर मामलों की निगरानी और कार्रवाई न होने से भ्रष्ट आचरण फलता-फूलता है। राजनीतिक हस्तक्षेप और मिलीभगत : राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सांठगांठ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। सरकारी ठेकों , भूमि अधिग्रहण और विकास योजनाओं में राजनीतिक दबाव के कारण अनियमितताएं होती हैं। कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता : कानूनों और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सरलता की कमी भ्रष्टाचार को बढ़ाती है। लोग काम जल्दी करवाने के लिए रिश्वत देने को मजबूर हो जाते हैं। प्रभावी निगरानी तंत्र का अभाव : भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए प्रभावी और स्वतंत्र निगरानी तंत्र की कमी है। जांच एजेंसियों और न्याय प्रणाली में देरी से भ्रष्ट अधिकारियों को सजा नहीं मिल पाती। भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी : सरकारी नौकरियों और भर्तियों में पेपर ल...

कम हो रहे राजस्व घाटा अनुदान की भरपाई के लिए सरकार का मितव्ययिता बरतने और आय बढ़ाने पर फोकस

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यूं कम होता जाएगा राजस्व घाटा अनुदान वित्तीय वर्ष अनुदान प्रतिशत 2020-21 5076 - 2021-22 7772 53.1 2022-23 7137 -8.2 2023-24 6223 -12.8 2024-25 4916 -21.0 2025-26 2099 -57.3 2026-27 0 -100     Uttarakhand News: कम हो रहा राजस्व घाटा अनुदान, प्रदेश सरकार को करने होंगे इनकम बढ़ाने के इंतजाम अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून   Published by:  रेनू सकलानी  Updated Sat, 02 Nov 2024 10:39 AM IST सार 11519 Followers उत्तराखंड सरकार को अपेक्षा के अनुरूप राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा है। साल दर साल राजस्व घाटा अनुदान की राशि कम होती जा रही है। 2021-22 में यह 7,772 करोड़ रुपये थी, जो 2024-25 में घटकर 4,916 हो चुकी है। बैठक  - फोटो : अमर उजाला 1 विस्तार Follow Us आगामी वित्तीय वर्ष तक केंद्र सरकार से राज्य को मिलने वाला राजस्व घाटा अनुदान घटकर आधा रह जाएगा। सरकार को अपने खर्च को संभालने में राजस्व घाटा अनुदान से अभी काफी मदद मिल रही है। इसके कम हो जाने के बाद उसके लिए वित्तीय चुनौती बढ़ जाएगी। राजस्व प्राप्ति के इस अंतर को पाटने के लिए सरकार राजस्व बढ़ाने के नए स्रोतों की तलाश...