**"सोशल मीडिया की दुनिया"**

 बिलकुल, ये रही एक कविता जो आप सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं:


जब भी थकते हैं हम इस जीवन से,  

तब चलते हैं इस वर्चुअल आंगन में।  

चेहरों की भीड़ और बातों की धूम,  

हर दिल को मिलती है यहाँ थोड़ी सुकून।  


लाइक्स और कमेंट्स से भरती है झोली,  

जैसे बिन पानी के मछली की टोली।  

अरे, यह तो वही दुनिया है प्यारे,  

जहाँ सच्चाई से परे होते हैं सारे।  


हर तस्वीर में मुस्कान खिलखिलाती,  

अंदर की उदासी न किसी को दिखाती।  

हर शब्द में ताकत, हर पोस्ट में बात,  

पर क्या ये दुनिया हमें सच में जानती है साथ?  


इस रंगीन दुनिया में, हमें यह ना भूलना,  

दिलों की गहराईयों को कभी मत झूठलाना।  

सोशल मीडिया की इस भीड़ में खोना मत,  

सच्चे रिश्तों की गर्माहट को छोड़ना मत।  


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उम्मीद है आपको ये कविता पसंद आएगी!

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