‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’

‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’
यह वाक्य कला की स्वाभाविकता और उसकी सार्वभौमिकता को दर्शाता है। कला एक ऐसी भावना या अभिव्यक्ति है जो किसी सीमा, धर्म, भाषा, या भूगोल से बंधी नहीं होती। इसका उद्देश्य केवल जुड़ाव और सृजनात्मकता है।

जब हम कला से जुड़ते हैं, तो यह हमें एक नई दुनिया में ले जाती है जहाँ हमारी भावनाएँ, विचार, और दृष्टिकोण खुलकर सामने आते हैं। यह वाक्य हमें यह समझाने का प्रयास करता है कि कला मानवता के लिए एक साझा मंच है, जहाँ हम सभी अपनी सांस्कृतिक विविधता और व्यक्तिगत दृष्टिकोण के बावजूद एक साथ आ सकते हैं।


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