भलाई में पत्थर पड़ना एक कहानी की माध्यम से
"भलाई में पत्थर पड़ना" एक कहावत है, जो अक्सर उस स्थिति को दर्शाने के लिए इस्तेमाल की जाती है जब कोई अच्छा काम करने की कोशिश करता है, लेकिन बदले में उसे कठिनाई या अपमान झेलना पड़ता है। इसे एक कहानी के माध्यम से समझाया जा सकता है:
**कहानी: दयालु किसान और भिखारी**
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक दयालु किसान रहता था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक दिन, किसान अपनी खेत से घर लौट रहा था, तभी उसने रास्ते में एक भिखारी को देखा, जो भूखा और थका हुआ था। भिखारी ने किसान से मदद की गुहार लगाई। किसान ने दया दिखाई और उसे अपने घर ले जाकर खाना खिलाया और आराम करने की जगह दी।
कई दिनों तक किसान ने भिखारी की पूरी देखभाल की। धीरे-धीरे भिखारी ने अपनी ताकत वापस पा ली और स्वस्थ हो गया। किसान ने सोचा कि अब भिखारी अपने रास्ते जाएगा, लेकिन भिखारी ने और दिन रुकने का आग्रह किया। किसान ने फिर से उसे अपने घर में ठहरने दिया।
काफी दिनों बाद, एक दिन जब किसान अपने खेत में काम कर रहा था, तो भिखारी ने किसान के घर में चोरी करने की योजना बनाई। जब किसान खेत से वापस आया, तो उसने देखा कि उसका सारा कीमती सामान गायब है और भिखारी भी कहीं नहीं दिख रहा था। किसान को बहुत दुख हुआ कि जिस व्यक्ति की उसने मदद की, उसी ने उसे धोखा दिया।
इस घटना से किसान को यह समझ में आया कि हमेशा भलाई का परिणाम अच्छा नहीं होता, कई बार लोग आपकी दया का गलत फायदा उठाते हैं।
**शिक्षा**:
इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी अच्छे कामों का बदला भी बुरा मिल सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमें दूसरों की मदद करना बंद कर देना चाहिए। हर इंसान एक जैसा नहीं होता।
यह कहानी "भलाई में पत्थर पड़ना" कहावत को सही रूप से दर्शाती है।
Comments
Post a Comment