फैक्ट चेक यूनिट के कामकाज पर रोक रहेगी
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के तहत स्थापित होने वाली फैक्ट चेक यूनिट (FCU) की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह यूनिट मार्च 2024 में सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार से संबंधित ऑनलाइन सामग्री की सत्यता की जांच करना था। इस यूनिट को किसी भी झूठी, गलत या भ्रामक जानकारी को पहचानने और उसे सोशल मीडिया से हटाने या डिस्क्लेमर लगाने की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला तब लिया जब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और कॉमेडियन कुनाल कामरा ने इसे चुनौती दी, यह कहते हुए कि यह यूनिट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) पर खतरा पैदा कर सकती है। आलोचकों का कहना है कि यह यूनिट सरकार के खिलाफ किसी भी आलोचना को दबाने का साधन बन सकती है, विशेष रूप से आगामी चुनावों के मद्देनजर।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संविधानिक प्रश्नों को उठाया और कहा कि जब तक बॉम्बे हाई कोर्ट इस पर अंतिम निर्णय नहीं लेती, तब तक फैक्ट चेक यूनिट के कामकाज पर रोक रहेगी
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