भू कानून का सवाल

भू कानून का सवाल

उत्तराखंड की धरती, पुरखों की निशानी,
हर पत्थर में बसी उनकी कहानी।
वृक्षों की छांव में बसा उनका प्यार,
धाराओं की ध्वनि में उनका अद्भुत संसार।

पर्वत की गोद में बसे गांव अनमोल,
यहां की मिट्टी में सजीव हैं संस्कारों के बोल।
पर बाहरी कदमों की दस्तक से भयावह आहट,
सांस्कृतिक विरासत पर उठे सवालों की कसरत।

हरियाली की चादर, नदियों की बहार,
कैसे सहेंगे विकास की आंधी का वार?
पर्वतों की शांति, जंगलों का गीत,
कैसे बचेगा, जब बिकेगी हर रीत?

धरती के बेटे करें गुहार,
सुन लो उनकी पुकार, सरकार।
भू कानून हो ऐसा सख्त,
संस्कृति का न टूटे ये संकल्प।

उत्तराखंड की पहचान को रखना है बचाकर,
संस्कृति की धरोहर को आगे बढ़ाना संजोकर।
अपनी माटी, अपनी आस्था का ये सवाल,
संस्कृति की रक्षा में सब साथ चलें, बने भू कानून की ढाल।

Comments

Popular posts from this blog

उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्तीय वर्ष 2024-25

कृषि व्यवसाय और ग्रामीण उद्यमिता विकास