"क्या भारत और उत्तराखंड में युवाओं की आधी आबादी नौकरी करने लायक (Employable) है?"

 "क्या भारत और उत्तराखंड में युवाओं की आधी आबादी नौकरी करने लायक (Employable) है?" विषय पर केंद्रित है। यह विश्लेषण चार प्रमुख पहलुओं में विभाजित किया गया है: जनसंख्या संरचना, शिक्षा और कौशल, रोजगार के अवसर, और नीतिगत उपाय।


1. जनसंख्या संरचना: भारत और उत्तराखंड

  • भारत:
    भारत की कुल जनसंख्या लगभग 1.4 अरब है, जिसमें 15–29 वर्ष के युवा लगभग 27% हैं यानी करीब 38 करोड़
    लेकिन NITI Aayog और NSO Survey के अनुसार, इन युवाओं में से केवल 45-50% ही नौकरी के लिए तैयार (employable) माने जाते हैं।

  • उत्तराखंड:
    उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है, जिनमें 15–29 वर्ष की आयु वर्ग लगभग 30 लाख के करीब है।
    मगर पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा व स्किल का स्तर और अवसरों की कमी के चलते employability दर और कम है – करीब 35-40%


2. शिक्षा और कौशल विकास की स्थिति

भारत:

  • सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, ग्रेजुएट युवाओं का एक बड़ा हिस्सा नौकरी के लिए आवश्यक 21वीं सदी के कौशल जैसे Communication, Digital Skills, Critical Thinking में कमजोर है।
  • स्कूलों और कॉलेजों की शिक्षा रोजगारोन्मुख नहीं है, और व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) बहुत सीमित स्तर पर दी जाती है।

उत्तराखंड:

  • ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों में उच्च शिक्षा संस्थानों की पहुंच सीमित है।
  • ITI, Polytechnic जैसी संस्थाओं में भी नवीनतम तकनीकी प्रशिक्षण की कमी है।
  • युवाओं का पलायन (Migration) मुख्यतः रोजगार की तलाश और स्किल के अभाव के कारण है।

3. रोजगार के अवसर और उद्योग का परिदृश्य

भारत:

  • रोजगार की दर (employment rate) युवाओं में 2023-24 में करीब 42-45% रही।
  • Formal sector jobs सीमित हैं, जबकि Informal sector में अधिक रोजगार हैं – जो अस्थिर और कम वेतन वाले होते हैं।
  • स्टार्टअप और डिजिटल इकोनॉमी से कुछ नए अवसर पैदा हुए हैं, पर यह सबके लिए सुलभ नहीं।

उत्तराखंड:

  • राज्य में औद्योगिकीकरण सीमित है। केवल कुछ इलाके (जैसे हरिद्वार, रुद्रपुर) औद्योगिक केंद्र हैं।
  • टूरिज्म, हॉर्टिकल्चर, और हैंडलूम जैसे सेक्टर में संभावनाएँ हैं, पर पर्याप्त स्किल नहीं।
  • सरकारी नौकरियों पर अत्यधिक निर्भरता है, जो बहुत सीमित संख्या में उपलब्ध होती हैं।

4. नीतिगत प्रयास और सुझाव

भारत सरकार की योजनाएं:

  • Skill India Mission, PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना), Digital India, Startup India – रोजगार और कौशल विकास हेतु।
  • NEP 2020 में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने का प्रयास।

उत्तराखंड सरकार की पहलें:

  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, Youth Start-up Scheme, Himadri कौशल विकास कार्यक्रम – लेकिन इनका असर सीमित और धीमा है।
  • स्थानीय उत्पादों (जैसे बुरांश, मंडुवा, रिंगाल) पर आधारित रोजगार बढ़ाने के प्रयासों की आवश्यकता।

निष्कर्ष:

  • भारत में युवाओं की आधी आबादी नौकरी के लायक नहीं है, क्योंकि शिक्षा प्रणाली, स्किलिंग, और रोजगार क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरूरत है।
  • उत्तराखंड में स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण है, विशेषतः पर्वतीय क्षेत्रों में। युवाओं को स्थानीय संसाधनों पर आधारित कौशल व उद्यमिता की ओर मोड़ा जाना चाहिए।
  • यदि उचित प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा, और रोजगारपरक योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह बड़ी युवा जनसंख्या देश की आर्थिक शक्ति बन सकती है।

Comments

Popular posts from this blog

उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्तीय वर्ष 2024-25

कृषि व्यवसाय और ग्रामीण उद्यमिता विकास