उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को आपदा प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी के लिए "आपदा सखी योजना" की शुरुआत की
उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को आपदा प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी के लिए "आपदा सखी योजना" की शुरुआत की है। यह योजना "आपदा मित्र योजना" के तर्ज पर तैयार की गई है और इसका उद्देश्य महिलाओं को आपदा के समय पहले उत्तरदाता (first responder) के रूप में तैयार करना है।
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🔍 योजना की मुख्य विशेषताएं:
प्रशिक्षण के क्षेत्र: महिला स्वयंसेवकों को आपदा पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्य, मनोवैज्ञानिक सहायता, त्वरित सूचना संप्रेषण आदि में प्रशिक्षित किया जाएगा।
पहला चरण: योजना के पहले चरण में, उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM) के अंतर्गत सामुदायिक संस्थाओं से जुड़ी 95 सक्रिय महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
सामुदायिक सहभागिता: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोर दिया कि आपदा प्रबंधन में समाज की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, क्योंकि आपदा के समय सबसे पहले स्थानीय नागरिक ही मौके पर होते हैं।
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🌧️ मानसून 2025 की तैयारियाँ:
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। इसलिए, राज्य सरकार ने ड्रोन सर्विलांस, GIS मैपिंग, सैटेलाइट मॉनिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान और त्वरित प्रतिक्रिया दलों का गठन किया है।
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📢 योजना का महत्व:
"आपदा सखी योजना" न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी को भी मजबूत करती है। इससे आपदाओं के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सकेगी।
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