Posts

न्यूज़ विचार और व्यव्हार

"जनता ही असली ताकत है" – भाषण मसौदा

"जनता ही असली ताकत है" – भाषण मसौदा प्रिय साथियो, आज हम ऐसे समय में खड़े हैं जब नेता और जनता के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। कभी नेता हमारे बीच रहते थे, हमारे सुख-दुख में साझेदार बनते थे। लेकिन अब? नेता आलीशान गाड़ियों में चलते हैं, सुरक्षा घेरे में रहते हैं और जनता से सिर्फ वोट लेने आते हैं। जनता के मुद्दे? — रोजगार, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य — ये सब उनके भाषणों तक सीमित रह गए हैं। सवाल ये है कि गलती किसकी है? नेताओं की? या हमारी? हमने ही उन्हें ये ताकत दी कि वे चुनाव जीतकर हमें भूल जाएं। हम वोट देते समय मुद्दों पर नहीं, बल्कि जाति, धर्म, नोट और प्रचार के शोर में फंस जाते हैं। पर साथियो, लोकतंत्र में असली ताकत जनता के पास है! जब हम सवाल पूछेंगे – “पाँच साल में आपने क्या किया?” जब हम वादा मांगेंगे – “रोज़गार कब देंगे? पानी और सड़क कब देंगे?” और जब हम वोट मुद्दों पर डालेंगे – तब कोई भी नेता जनता से दूर नहीं भाग पाएगा। बदलाव आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं है। स्थानीय स्तर पर आवाज़ उठाइए, संगठित होइए, अपने अधिकार मांगिए। नेता वही असली होगा, जो जनता के बीच र...

नगर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका

--- स्लाइड 1: शीर्षक नागर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका सिविल सोसायटी = NGO, RWA, जागरूक नागरिक, मीडिया, सामुदायिक संगठन --- स्लाइड 2: परिचय नगर निगम: शहरी प्रशासन व विकास का जिम्मेदार निकाय सिविल सोसायटी: शासन और जनता के बीच सेतु उद्देश्य: पारदर्शी, जवाबदेह और सहभागी शहरी शासन --- स्लाइड 3: प्रमुख भूमिकाएँ 1. जवाबदेही और पारदर्शिता सामाजिक लेखा परीक्षा, RTI, जन सुनवाई 2. नीति निर्माण व जनभागीदारी वार्ड समिति, शहरी योजना में सुझाव 3. सेवा प्रदायगी सहयोग स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण --- स्लाइड 4: अधिकार व वकालत शहरी गरीब, झुग्गी बस्तियों के अधिकार महिला सुरक्षा, विकलांगों के लिए सुविधाएँ कानूनी जागरूकता अभियान --- स्लाइड 5: आपदा और डिजिटल भूमिका आपदा प्रबंधन: राहत व स्वयंसेवक जुटाना तकनीकी नवाचार: ई-गवर्नेंस, मोबाइल ऐप, ऑनलाइन शिकायत पोर्टल --- स्लाइड 6: प्रहरी भूमिका विकास कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी अवैध खनन, अतिक्रमण, प्रदूषण पर रोक --- स्लाइड 7: उदाहरण जनाग्रह (बेंगलुरु) - सहभागी बजट सफाई कर्मचारी आंदोलन - मैनुअल स्कैवेंजिंग उन्मूलन दिल्ली RWA - हरित...

नगर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका

नगर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका परिचय सिविल सोसायटी का अर्थ है – वे सभी गैर-सरकारी संगठन, स्वैच्छिक समूह, निवासी कल्याण समितियाँ (RWA), मीडिया, शैक्षणिक संस्थान, सामाजिक कार्यकर्ता तथा जागरूक नागरिक, जो समाज और शासन के बीच सेतु का कार्य करते हैं। नागर निगम (नगर पालिकाओं/नगर निगमों) के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों का प्रशासन और विकास होता है। सिविल सोसायटी इन शहरी निकायों को पारदर्शी, जवाबदेह और सहभागी बनाने में अहम योगदान देती है। 1. जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सामाजिक लेखा परीक्षा (Social Audit): सिविल सोसायटी नगर निगम द्वारा किए गए विकास कार्यों का ऑडिट करती है, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। सूचना का अधिकार (RTI): नागरिक RTI के माध्यम से योजनाओं और बजट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जन सुनवाई (Public Hearing): अधिकारियों को जनता के सामने जवाबदेह बनाने के लिए सिविल सोसायटी जन सुनवाई आयोजित करती है। 2. जनभागीदारी और नीति निर्माण में योगदान वार्ड समितियाँ और सभा: नागरिक अपने वार्ड स्तर की समस्याएँ (पानी, सड़क, सफाई) सीधे नगर निगम को बताते हैं। श...

A) PPT कंटेंट – "पुलिस व्यवस्था, उनका व्यवहार और आम जनता के अधिकार"

(A) PPT कंटेंट – "पुलिस व्यवस्था, उनका व्यवहार और आम जनता के अधिकार" Slide 1: शीर्षक विषय: पुलिस व्यवस्था, उनका व्यवहार और आम जनता के अधिकार प्रस्तुतकर्ता का नाम, संस्था/स्कूल का नाम Slide 2: प्रस्तावना पुलिस: समाज का प्रहरी, कानून-व्यवस्था का रक्षक उद्देश्य: अपराध नियंत्रण, जनता की सुरक्षा Slide 3: पुलिस व्यवस्था की संरचना डीजीपी → आईजी → डीआईजी → एसपी → डीएसपी → इंस्पेक्टर → सब-इंस्पेक्टर → कांस्टेबल राज्य स्तर पर नियंत्रण, केंद्र में कुछ विशेष बल Slide 4: पुलिस के मुख्य कार्य अपराध की रोकथाम कानून-व्यवस्था बनाए रखना आपदा प्रबंधन और राहत यातायात नियंत्रण, वीआईपी सुरक्षा Slide 5: पुलिस व्यवहार की चुनौतियाँ भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव स्टाफ की कमी और काम का बोझ जनता से असंवेदनशील रवैया जवाबदेही की कमी Slide 6: जनता के अधिकार FIR दर्ज करने का अधिकार (CrPC 154) गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार (CrPC 50) 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश करने का अधिकार (CrPC 57) कानूनी मदद और चुप रहने का अधिकार (संविधान अनुच्छेद 20, 22) Slide 7: महिलाओं के विश...

The role of civil society in Nagar Nigam (Municipal Corporation)

The role of civil society in Nagar Nigam (Municipal Corporation) areas is crucial for ensuring transparent governance, better service delivery, and inclusive urban development. Civil society includes NGOs, resident welfare associations (RWAs), community-based organizations (CBOs), media, academic institutions, advocacy groups, and active citizens. Key Roles of Civil Society in Nagar Nigam Areas: --- 1. Accountability & Transparency Social Audit: Civil society conducts social audits of municipal works such as roads, sanitation, housing, etc., to prevent corruption and misuse of funds. RTI & Public Hearings: Using Right to Information (RTI) and organizing public hearings (Jan Sunwai) to make Nagar Nigam officials accountable. Citizen Charters: Advocating for service standards and monitoring their compliance. --- 2. Community Participation & Policy Input Urban Planning: Participating in city development plans, smart city projects, and master plan reviews to ensure they reflect...

बीजेपी में वर्तमान में कितने सांसद (MPs) ऐसे हैं जो पहले कांग्रेस या अन्य दलों से आए हैं

बीजेपी में वर्तमान में कितने सांसद (MPs) ऐसे हैं जो पहले कांग्रेस या अन्य दलों से आए हैं – इसका कोई एकदम सटीक और ताज़ा आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि दल-बदल लगातार होते रहते हैं और संसद का रिकॉर्ड भी समय-समय पर बदलता रहता है। फिर भी, उपलब्ध रिपोर्टों और विश्लेषण से एक अनुमान लगाया जा सकता है: 2014–2021 के बीच रुझान (ADR रिपोर्ट के अनुसार) ADR (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) के विश्लेषण के अनुसार 2014 से 2021 के बीच: 177 कांग्रेस के सांसद/विधायक पार्टी छोड़कर अन्य दलों में गए। कुल 253 सांसद/विधायक विभिन्न दलों से बीजेपी में शामिल हुए। इनमें से लगभग 173 सांसद/विधायक ऐसे थे जिन्होंने बीजेपी जॉइन करके दोबारा चुनाव लड़ा। सबसे ज़्यादा दल-बदलने वाले कांग्रेस से आए। स्रोत: ADR रिपोर्ट , इकोनॉमिक टाइम्स 2016–2020 का विश्लेषण (ADR रिपोर्ट) 2016–2020 के बीच 405 सांसद/विधायक ने दल-बदल किया और फिर से चुनाव लड़ा। इनमें से 182 (लगभग 45%) ने बीजेपी का दामन थामा। सबसे ज़्यादा कांग्रेस के नेता बीजेपी में गए। इस अवधि में लोकसभा के लगभग 12 सांसदों ने दल-बदल किया, जिन...

An ADR (Association for Democratic Reforms) analysis of 500 MPs and MLAs who switched parties and re-contested elections between 2014 and 2021

It’s difficult to pinpoint the exact current number of sitting Members of Parliament (MPs) in the BJP who were previously elected as MPs from the Congress or any other parties—because elected affiliations change, and there’s no centralized, continuously updated breakdown of that dynamic. Broader Trends (2014–2021) An ADR (Association for Democratic Reforms) analysis of 500 MPs and MLAs who switched parties and re-contested elections between 2014 and 2021 found that: 177 Congress MLAs/MPs left the party. 253 total candidates—including both MPs and MLAs—from various parties joined the BJP. Of those re-contesting legislators, 173 MPs/MLAs who joined BJP were counted in that fold. Another ADR report states that 35% of MLAs/MPs who switched parties during that period joined BJP—and most of these defectors came from the Congress. Estimates from 2016–2020 Between 2016 and 2020 , among 405 MLAs/MPs who defected and re-contested elections: 182 (44.9%) joined the BJ...