MRP और SRP: ग्राहक और बाज़ार की नज़र से
MRP और SRP: ग्राहक और बाज़ार की नज़र से
1. MRP क्या है?
MRP (Maximum Retail Price) किसी वस्तु का वह अधिकतम खुदरा मूल्य है जिसे उत्पादक या निर्माता तय करता है और उत्पाद की पैकेजिंग पर छापना कानूनी रूप से अनिवार्य होता है। भारत में MRP की व्यवस्था Legal Metrology Act, 2009 के तहत आती है।
इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को मुनाफाखोरी और ओवरचार्जिंग से बचाना है।
दुकानदार MRP से अधिक कीमत पर सामान नहीं बेच सकता।
हालाँकि, वह छूट देकर MRP से कम पर ज़रूर बेच सकता है।
उदाहरण:
अगर किसी बिस्कुट पैकेट पर MRP ₹20 लिखा है, तो दुकानदार इसे ₹20 से ज़्यादा में नहीं बेच सकता, लेकिन ₹18 या ₹15 पर बेच सकता है।
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2. SRP क्या है?
SRP (Suggested Retail Price) यानी अनुशंसित खुदरा मूल्य। इसे आमतौर पर निर्माता या सप्लायर सुझाता है, लेकिन यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होता।
SRP केवल मार्केटिंग गाइडलाइन है।
दुकानदार SRP से ज़्यादा या कम, अपनी सुविधा और प्रतिस्पर्धा के अनुसार, उत्पाद बेच सकता है।
यह विशेष रूप से अनब्रांडेड उत्पादों, ऑनलाइन मार्केटिंग, और डिस्ट्रिब्यूशन चैनलों में देखा जाता है।
उदाहरण:
किसी मोबाइल कंपनी ने नया फोन लॉन्च किया और SRP ₹15,999 सुझाया। लेकिन बाज़ार में वही फोन कुछ दुकानदार ₹15,499 में बेच सकते हैं तो कुछ ₹16,500 तक भी।
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3. MRP बनाम SRP
बिंदु MRP (Maximum Retail Price) SRP (Suggested Retail Price)
कानूनी स्थिति कानूनी रूप से अनिवार्य केवल अनुशंसित, बाध्यकारी नहीं
पैकेजिंग पर छपाई अनिवार्य अनिवार्य नहीं
उपभोक्ता संरक्षण उपभोक्ता को अतिरिक्त भुगतान से बचाता है केवल मूल्य मार्गदर्शन
दुकानदार का अधिकार MRP से अधिक नहीं बेच सकता अपनी मर्जी से बेच सकता है
उदाहरण FMCG उत्पाद (बिस्कुट, दवा, कोल्ड ड्रिंक) इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, फर्नीचर
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4. उपभोक्ता और व्यापारी पर प्रभाव
उपभोक्ता के लिए: MRP पारदर्शिता और सुरक्षा देता है। जबकि SRP उन्हें विकल्प और सौदेबाज़ी का अवसर देता है।
व्यापारी के लिए: MRP उनकी बिक्री रणनीति को सीमित करता है, लेकिन SRP उन्हें प्रतिस्पर्धा और लाभ-हानि के अनुसार मूल्य तय करने की स्वतंत्रता देता है।
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5. निष्कर्ष
MRP और SRP दोनों मूल्य निर्धारण की अलग-अलग अवधारणाएँ हैं।
MRP उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करता है।
SRP बाज़ार में लचीलापन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
इसलिए एक समझदार उपभोक्ता के लिए यह जानना ज़रूरी है कि MRP और SRP में फर्क क्या है, ताकि वह न केवल सही मूल्य चुका सके बल्कि स्मार्ट शॉपिंग का आनंद भी ले सके।
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