दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) के तहत, अगर कोई निर्दलीय (Independent) उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होता है, तो उस पर यह कानून लागू होता है।

हाँ, दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) के तहत, अगर कोई निर्दलीय (Independent) उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होता है, तो उस पर यह कानून लागू होता है।

📜 संबंधित प्रावधान:

यह कानून दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) में है, जिसे 52वाँ संविधान संशोधन (1985) से जोड़ा गया था।

धारा 2(2) स्पष्ट कहती है कि —

> यदि कोई निर्दलीय सदस्य, जो चुनाव में किसी दल का प्रत्याशी नहीं था, चुनाव जीतने के बाद किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित हो जाता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।




📌 मतलब:

निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद किसी दल की सदस्यता लेना दल-बदल माना जाएगा।

ऐसे में स्पीकर/अध्यक्ष (Speaker/Chairperson) उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं और उसे अयोग्य ठहरा सकते हैं।


⚠️ अपवाद:

अगर वह व्यक्ति केवल किसी दल के साथ गठबंधन में काम करता है लेकिन आधिकारिक रूप से सदस्यता नहीं लेता, तो कानून लागू नहीं होगा।

नामांकन भरते समय ही अगर उसने किसी दल का समर्थन घोषित किया हो, तो वह निर्दलीय नहीं माना जाएगा।

Comments

Popular posts from this blog

उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्तीय वर्ष 2024-25

कृषि व्यवसाय और ग्रामीण उद्यमिता विकास