नगर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका
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स्लाइड 1: शीर्षक
नागर निगम क्षेत्रों में सिविल सोसायटी की भूमिका
सिविल सोसायटी = NGO, RWA, जागरूक नागरिक, मीडिया, सामुदायिक संगठन
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स्लाइड 2: परिचय
नगर निगम: शहरी प्रशासन व विकास का जिम्मेदार निकाय
सिविल सोसायटी: शासन और जनता के बीच सेतु
उद्देश्य: पारदर्शी, जवाबदेह और सहभागी शहरी शासन
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स्लाइड 3: प्रमुख भूमिकाएँ
1. जवाबदेही और पारदर्शिता
सामाजिक लेखा परीक्षा, RTI, जन सुनवाई
2. नीति निर्माण व जनभागीदारी
वार्ड समिति, शहरी योजना में सुझाव
3. सेवा प्रदायगी सहयोग
स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण
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स्लाइड 4: अधिकार व वकालत
शहरी गरीब, झुग्गी बस्तियों के अधिकार
महिला सुरक्षा, विकलांगों के लिए सुविधाएँ
कानूनी जागरूकता अभियान
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स्लाइड 5: आपदा और डिजिटल भूमिका
आपदा प्रबंधन: राहत व स्वयंसेवक जुटाना
तकनीकी नवाचार: ई-गवर्नेंस, मोबाइल ऐप, ऑनलाइन शिकायत पोर्टल
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स्लाइड 6: प्रहरी भूमिका
विकास कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी
अवैध खनन, अतिक्रमण, प्रदूषण पर रोक
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स्लाइड 7: उदाहरण
जनाग्रह (बेंगलुरु) - सहभागी बजट
सफाई कर्मचारी आंदोलन - मैनुअल स्कैवेंजिंग उन्मूलन
दिल्ली RWA - हरित व सुरक्षा अभियान
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स्लाइड 8: सुझाव
1. वार्ड समितियों का नियमित संचालन
2. सामाजिक लेखा परीक्षा अनिवार्य
3. ई-गवर्नेंस व शिकायत पोर्टल का विस्तार
4. सिविल सोसायटी-नगर निगम साझेदारी
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स्लाइड 9: निष्कर्ष
सिविल सोसायटी = लोकतंत्र की ताकत
जनता की भागीदारी = बेहतर शहरी विकास
पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशी विकास का आधार
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नोट: इस PPT को वार्ड स्तर की बैठकों, सेमिनार या जनजागरूकता कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकता है।
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