7 अप्रैल 2025 के ब्लैक मंडे का प्रभाव सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक, स्थानीय औद्योगिक और क्षेत्रीय (जैसे उत्तराखंड) स्तर पर भी देखा गया।



1. राजनीतिक प्रतिक्रियाएं (Political Reactions):

भारत में:

  • विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा, यह कहते हुए कि सरकार की आर्थिक रणनीति वैश्विक संकटों के लिए तैयार नहीं है।
  • संसद में हंगामा हुआ; पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई और शेयर बाजार में गिरावट को लेकर बहस।
  • सरकार ने बचाव में कहा कि यह वैश्विक घटना है और भारत अपेक्षाकृत अधिक स्थिर है, तथा उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:

  • G20 और BRICS देशों के बीच आपात बैठकें हुईं।
  • व्यापार युद्ध के असर को कम करने के लिए नए ब्लॉक गठित करने की बात उठी।

2. स्थानीय उद्योगों पर प्रभाव (Impact on Local Industries):

निर्यात-आधारित उद्योग:

  • टेक्सटाइल, चमड़ा, ऑटो पार्ट्स और दवा क्षेत्र को झटका।
  • ऑर्डर रद्द होने या डिले होने की घटनाएं बढ़ीं।

MSMEs:

  • MSMEs को कच्चे माल के आयात में लागत बढ़ने से नुकसान हुआ।
  • नकदी की कमी से उत्पादन पर असर पड़ा।

टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी:

  • डॉलर-महंगा होने से इनबाउंड टूरिज्म प्रभावित हुआ।
  • उत्तराखंड जैसे पर्यटन क्षेत्रों में बुकिंग्स कम हुईं।

3. उत्तराखंड विशेष अध्ययन (Uttarakhand Specific Impact):

कृषि और जड़ी-बूटी आधारित उद्योग:

  • उत्तराखंड की हर्बल, ऑर्गेनिक और जैविक उत्पादों के निर्यात पर असर।
  • अंतरराष्ट्रीय मांग में गिरावट ने किसानों और उत्पादकों को प्रभावित किया।

टूरिज्म सेक्टर:

  • नवरात्र और चारधाम सीजन के चलते पर्यटकों की बुकिंग में 40% तक गिरावट दर्ज की गई।
  • होटल और ट्रैवल कंपनियों को बड़ा नुकसान।

स्थानीय व्यापार और निर्माण क्षेत्र:

  • कीमतें बढ़ने से निर्माण कार्यों में देरी और लागत में वृद्धि।
  • छोटे व्यापारियों की बिक्री में गिरावट।

सरकारी प्रतिक्रिया:

  • राज्य सरकार ने हर्बल, MSME और टूरिज्म सेक्टर के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग केंद्र से की।
  • उत्तराखंड के वित्त विभाग ने राजस्व में संभावित घाटे का आकलन शुरू किया।


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