Fridays for Future जैसे युवा नेतृत्व वाले आंदोलन।
Fridays for Future एक वैश्विक युवा-नेतृत्व वाला आंदोलन है, जिसकी शुरुआत ग्रेटा थनबर्ग नामक स्वीडन की एक किशोरी ने 2018 में की थी। यह आंदोलन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ तत्काल और ठोस कार्रवाई की मांग करता है।
Fridays for Future: मुख्य विशेषताएँ (हिंदी में)
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शुरुआत:
अगस्त 2018 में ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडिश संसद के बाहर बैठकर स्कूल स्ट्राइक शुरू की। उन्होंने एक पोस्टर पकड़ा था – "School Strike for Climate"। -
प्रेरणा:
सरकारों द्वारा जलवायु संकट की अनदेखी और पैरिस समझौते को सही तरीके से लागू न करना। -
मुख्य मांगें:
- ग्लोबल वार्मिंग को 1.5°C तक सीमित करना।
- जीवाश्म ईंधनों (कोयला, पेट्रोल, डीजल) का उपयोग बंद करना।
- जलवायु न्याय – गरीब और कमजोर देशों के लिए विशेष ध्यान।
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कार्यशैली:
- हर शुक्रवार स्कूल न जाकर प्रदर्शन करना।
- सोशल मीडिया और जन आंदोलनों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाना।
- दुनिया भर के युवाओं को एकजुट करना।
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वैश्विक प्रभाव:
- लाखों छात्र-छात्राओं ने जलवायु मार्च और रैलियों में भाग लिया।
- कई देशों की सरकारों को जलवायु नीतियों की समीक्षा करनी पड़ी।
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर युवा आवाज को पहचान मिली।
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