जो बांटता है वो भगवन बनता है और जो चुपचाप बनता है वो इंसानियत की मिसाल बनता है

 जो बांटता है, वह सचमुच दूसरों के जीवन में अच्छाई और प्रेम का दीपक जलाता है, और इसी कारण उसे भगवान जैसा माना जाता है। वहीं जो चुपचाप अपना काम करता है, बिना किसी दिखावे के, वह इंसानियत की सच्ची मिसाल बनता है। उसकी अच्छाई और कर्तव्यपरायणता से ही समाज में सच्ची इंसानियत की भावना पैदा होती है। दोनों ही तरह के लोग हमारे समाज के लिए अनमोल होते हैं, क्योंकि ये दोनों अपने तरीके से दुनिया को बेहतर बनाते हैं।

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