गहरे अध्ययन और साधना के लिए उन्नत तंत्र योग, कुंडलिनी जागरण और पीनियल ग्रंथि सक्रियता की व्यावहारिक साधनाएँ ।
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भाग 1: उन्नत कुंडलिनी जागरण साधनाएँ
(A) कुंडलिनी जागरण के लिए 7 शक्तिशाली साधनाएँ
✅ (1) मूलबन्ध और उड्डियान बंध (Root & Abdominal Lock for Energy Activation)
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मूलबन्ध और उड्डियान बंध लगाएं।
इससे ऊर्जा मूलाधार से ऊपर उठने लगेगी।
प्रारंभ में 5 मिनट, फिर धीरे-धीरे 15-20 मिनट तक बढ़ाएं।
✅ (2) अंजलि मुद्रा में प्राणायाम (Advanced Breathwork for Nadis Cleansing)
सिद्धासन में बैठकर अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
इसका विशेष तरीका:
श्वास लें और "ॐ हुं फट्" का मानसिक जाप करें।
श्वास छोड़ते समय "ॐ ह्रीं क्रीं" दोहराएं।
इससे इड़ा और पिंगला नाड़ी संतुलित होती हैं।
✅ (3) महाशक्ति मुद्रा (Maha Shakti Mudra for Kundalini Flow)
यह एक विशेष मुद्रा है, जिसमें दोनों हाथ हृदय के सामने जोड़कर, सिर थोड़ा ऊपर उठाना होता है।
इस मुद्रा में बैठकर "श्रीं ह्रीं क्लीं काली" मंत्र 108 बार जपें।
इससे सुषुम्ना नाड़ी में ऊर्जा का प्रवाह तीव्र हो जाता है।
✅ (4) शिवनेत्र जागरण (Shiva Netra Meditation for Third Eye Activation)
त्राटक ध्यान करें:
रात में दीपक या चंद्रमा पर ध्यान केंद्रित करें।
जब आंखों में जलन हो, तब ध्यान अंदर की ओर करें।
इससे पीनियल ग्रंथि सक्रिय होगी और अंतर्ज्ञान प्रबल होगा।
✅ (5) नाद योग और अनाहत ध्वनि साधना (Sound Meditation for Higher Consciousness)
जब कुंडलिनी ऊपर उठती है, तो श्रवण में अनाहत नाद सुनाई देता है।
साधना प्रक्रिया:
शांति में बैठें, और अपने भीतर आने वाली ध्वनियों को सुनें।
शुरुआत में सीटी, झंकार, घंटी की ध्वनि सुनाई दे सकती है।
इस पर ध्यान केंद्रित करने से चेतना का विस्तार होता है।
✅ (6) विशेष तंत्र प्राणायाम (Tibetan Tummo Breathing for Heat Generation)
यह एक तिब्बती तंत्र योग तकनीक है, जिससे शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
विधि:
लंबी सांस लें और सौर चक्र (Solar Plexus) पर ध्यान केंद्रित करें।
सांस को 10 सेकंड रोकें और महसूस करें कि शरीर के भीतर ऊष्मा उत्पन्न हो रही है।
धीरे-धीरे सांस छोड़ें और ऊर्जा को ऊपर उठने दें।
✅ (7) महाकाली तंत्र साधना (MahaKali Mantra Sadhana for Energy Expansion)
रात के समय, विशेष रूप से अमावस्या को "क्रीं क्रीं क्रीं महाकालि" मंत्र का 108 बार जाप करें।
इससे गुप्त ऊर्जा सक्रिय होती है और कुंडलिनी सहज रूप से जागृत होती है।
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भाग 2: पीनियल ग्रंथि (Third Eye) सक्रिय करने की गुप्त विधियाँ
(A) पीनियल ग्रंथि जागरण के लिए 5 प्रभावशाली विधियाँ
✅ (1) त्राटक ध्यान और 936Hz फ्रीक्वेंसी संगीत (Trataka & High Vibration Sound Therapy)
पीनियल ग्रंथि 936Hz और 432Hz ध्वनियों से सक्रिय होती है।
इन ध्वनियों को हेडफोन लगाकर सुनें और गहरी श्वास लें।
इससे DMT (Dimethyltryptamine) का प्राकृतिक स्राव बढ़ता है।
✅ (2) चंद्र ध्यान और सोम रस प्रवाह (Moon Meditation & Soma Activation)
पीनियल ग्रंथि चंद्रमा की किरणों से प्रभावित होती है।
पूर्णिमा की रात चंद्रमा को देखें और "ॐ सोमाय नमः" मंत्र जपें।
इससे मेलाटोनिन का स्राव बढ़ेगा और अंतर्ज्ञान तीव्र होगा।
✅ (3) सूर्य ध्यान और सौर ऊर्जा अवशोषण (Sun Gazing & Solar Absorption)
सुबह सूर्य उदय के समय उसकी किरणों को देखें।
ध्यान दें कि आपके माथे के बीच ऊर्जा प्रवाहित हो रही है।
इससे पीनियल ग्रंथि सशक्त होती है।
✅ (4) केचरी मुद्रा और अमृत साधना (Khechari Mudra & Nectar Secretion)
यह एक अत्यंत गुप्त योग विधि है, जिसमें जीभ को ऊपर तालु में लगाने से अमृत प्रवाहित होता है।
इससे पीनियल ग्रंथि में डीएमटी का प्राकृतिक स्राव होने लगता है।
✅ (5) विशेष बीज मंत्र साधना (Powerful Bija Mantra for Third Eye Activation)
"हूं" और "थं" मंत्र का 108 बार जाप करें।
जब आप इन मंत्रों का उच्चारण करेंगे, तो मस्तिष्क में कंपन उत्पन्न होगा और तीसरी आँख तीव्र होगी।
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भाग 3: उन्नत तंत्र साधनाएँ और सिद्धियाँ
(A) रहस्यमय तंत्र योग क्रियाएँ
✅ (1) वीर साधना (Veera Sadhana - Inner Warrior Activation)
यह एक गुप्त साधना है, जिसमें साधक अपने आंतरिक भय से मुक्त होकर अपार शक्ति प्राप्त करता है।
✅ (2) दश महाविद्या तंत्र (10 Mahavidya Tantra for Supreme Knowledge)
यह साधना 10 महाविद्याओं (काली, तारा, भुवनेश्वरी, बगला, धूमावती आदि) के माध्यम से ब्रह्मांडीय शक्ति से जुड़ने की प्रक्रिया है।
✅ (3) काल भैरव साधना (Kaal Bhairav Tantra for Time Mastery)
इस साधना से साधक समय और मृत्यु पर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है।
मंत्र: "ॐ कालभैरवाय नमः" का 108 बार जाप करें।
✅ (4) शिव-शक्ति युक्ति साधना (Shiva-Shakti Fusion Meditation)
यह एक विशेष ध्यान विधि है, जिसमें शिव और शक्ति के ऊर्जा स्वरूप को संतुलित किया जाता है।
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निष्कर्ष: क्या आप अगला कदम उठाने के लिए तैयार हैं?
✅ क्या आप किसी विशिष्ट साधना की विस्तृत विधि जानना चाहेंगे?
✅ क्या आप व्यक्तिगत तांत्रिक साधना पद्धति विकसित करना चाहेंगे?
✅ क्या आप उन्नत ध्यान और कुंडलिनी जागरण के और भी गहरे रहस्यों को जानना चाहेंगे?
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