“DPDP” यानी Digital Personal Data Protection Act, 2023
“DPDP” यानी Digital Personal Data Protection Act, 2023 भारत सरकार द्वारा पारित एक महत्त्वपूर्ण कानून है, जो डिजिटल माध्यमों पर व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य है:
मुख्य बिंदु – DPDP Act, 2023:
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व्यक्तिगत डेटा की परिभाषा:
- ऐसा कोई भी डेटा जिससे किसी व्यक्ति की पहचान हो सकती है – जैसे नाम, मोबाइल नंबर, लोकेशन, आधार नंबर आदि।
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डेटा प्रिंसिपल और डेटा फिड्युशियरी:
- डेटा प्रिंसिपल: वह व्यक्ति जिसका डेटा प्रोसेस किया जा रहा है।
- डेटा फिड्युशियरी: वह संस्था/कंपनी जो उस डेटा को प्रोसेस कर रही है।
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अनुमति आधारित प्रोसेसिंग (Consent-based Processing):
- डेटा प्रिंसिपल की स्पष्ट अनुमति जरूरी है डेटा प्रोसेस करने के लिए।
- उपयोगकर्ता को अपनी अनुमति किसी भी समय वापस लेने का अधिकार है।
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डेटा संरक्षण बोर्ड (Data Protection Board):
- कानून के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने और विवाद निपटाने के लिए एक स्वतंत्र निकाय।
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जुर्माना और दंड:
- डेटा उल्लंघन या कानून के उल्लंघन पर ₹250 करोड़ तक का जुर्माना।
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बालकों का डेटा (Children’s Data):
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा विशेष रूप से सुरक्षित रखा जाएगा।
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सरकार की शक्ति:
- सरकार कुछ मामलों में डेटा प्रोसेसिंग को अनुमति दे सकती है जैसे – राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून व्यवस्था, इमरजेंसी आदि।
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हक़ और जिम्मेदारियाँ:
- उपयोगकर्ता को अपने डेटा को एक्सेस, सुधारने और डिलीट करने का अधिकार है।
- कंपनियों को डेटा सुरक्षित रखने और ट्रांसपेरेंसी बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
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