क्यों उत्तराखंड के पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए?

उत्तराखंड के पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलनी बेहद जरूरी है। इसके पीछे कई ठोस कारण हैं:

1. जोखिमपूर्ण कार्यक्षेत्र

पत्रकार अक्सर भ्रष्टाचार, अपराध, और प्राकृतिक आपदाओं जैसे खतरनाक विषयों पर रिपोर्टिंग करते हैं। उनकी जान को खतरा होता है, लेकिन उनके पास सुरक्षा या बीमा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं होती।

2. अनिश्चित रोजगार

अधिकतर पत्रकार प्राइवेट चैनलों, डिजिटल मीडिया या फ्रीलांस के रूप में काम करते हैं, जहां न तो स्थायी नौकरी होती है और न ही कोई रिटायरमेंट या बीमा योजना।

3. स्वास्थ्य सेवाएं

ग्राउंड रिपोर्टिंग और लंबे समय तक तनाव में काम करने के चलते पत्रकारों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती हैं, लेकिन उनके पास सरकारी स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं होता।

4. आर्थिक अस्थिरता

कम वेतन, समय पर भुगतान न होना और छंटनी जैसे मुद्दों से पत्रकारों को जूझना पड़ता है। सामाजिक सुरक्षा उन्हें आर्थिक संबल दे सकती है।


क्या-क्या सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए:

  • स्वास्थ्य बीमा योजना
  • जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा
  • पेंशन योजना
  • प्रेस काउंसिल/राज्य स्तर पर सहायता कोष
  • पत्रकार सुरक्षा कानून (Journalist Protection Act)


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