*\[1] मानवाधिकार उल्लंघन पर विशेष रिपोर्ट


## ✍️ **\[1] मानवाधिकार उल्लंघन पर विशेष रिपोर्ट 


**शीर्षक:**


> **“मानवाधिकारों से वंचित उत्तराखंड: मुंडला-काठल-सलिंगा क्षेत्र की सड़कहीन त्रासदी”**

> *एक जमीनी रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग, राज्य शासन और न्यायपालिका के लिए*


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### **1. प्रस्तावना (Introduction):**


उत्तराखंड राज्य गठन के 24 वर्ष पश्चात भी, कोटद्वार तहसील अंतर्गत मुंडला, काठल, सलिंगा, कटहल, मटियाल आदि गाँवों में आधारभूत सुविधाओं की अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन को रेखांकित करती है।


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### **2. मुख्य तथ्य (Factual Situation):**


* **स्थान:** मुंडला-काठल ग्राम क्लस्टर, कोटद्वार तहसील

* **दूरी:** कोटद्वार से मात्र 6 किमी

* **जनसंख्या:** लगभग 11–12 गाँव, जिनमें 2,000+ ग्रामीण आबादी

* **समस्या:** कोई सड़क मार्ग नहीं – चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार असंभव


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### **3. उल्लंघन के बिंदु (Violation Points):**


| अधिकार                                   | तथ्यात्मक उल्लंघन                                                                      |

| ---------------------------------------- | -------------------------------------------------------------------------------------- |

| **शिक्षा का अधिकार (RTE)**               | माध्यमिक शिक्षा के बाद स्कूल की दूरी के कारण छात्र पढ़ाई छोड़ देते हैं                 |

| **स्वास्थ्य का अधिकार**                  | चिकित्सा सुविधा नहीं, बीमारों को खाट पर ले जाना पड़ता है                               |

| **जीवन और गरिमा का अधिकार (Article 21)** | सड़क न होने से सामान्य जीवन असुरक्षित और कठिन                                          |

| **महिला अधिकार**                         | विवाह और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना असंभव                                      |

| **आजीविका का अधिकार (Article 19)**       | उत्पाद को बाजार ले जाने की लागत ₹400/6किमी – किसान घाटे में                            |

| **आवागमन की स्वतंत्रता**                 | बाघ के निशानों के कारण NOC रोकी गई – यह वन संरक्षण के नाम पर मानवाधिकार का अतिक्रमण है |


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### **4. प्रमाण और कार्यवाहियाँ (Evidence & Actions Taken):**


* ₹1.39 करोड़ स्वीकृत योजना 2014 में

* ग्रामीणों का प्रदर्शन व एक माह का धरना

* वन विभाग द्वारा NOC रोकना

* मानव अधिकार आयोग व जिला प्रशासन को आवेदन दिए जा चुके हैं


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### **5. निष्कर्ष और सिफारिशें (Conclusion & Recommendations):**


1. **मानवाधिकार आयोग संज्ञान लें**

2. **NOC को मानवहित के आधार पर अनिवार्य सार्वजनिक परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत किया जाए**

3. **गाँवों में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन की आपातकालीन बहाली की जाए**

4. **संविधान के अनुच्छेद 14, 21, और 38 के तहत न्याय दिलाया जाए**


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## 🎙️ \[2] डॉक्यूमेंट्री वॉयस ओवर स्क्रिप्ट (Hindi VO Script)


> **शीर्षक: "एक सड़क की पुकार – मुंडला की कहानी"**


**\[ओपनिंग साउंड: शांत जंगल, पंछियों की आवाज, हल्की हवा]**


🎙️ **Narrator (धीमे भावुक स्वर में):**

*"ये कहानी उत्तराखंड के कोटद्वार से केवल छह किलोमीटर दूर के एक गाँव की है – लेकिन यह दूरी नहीं, यह पीड़ा है। सड़क से वंचित, सुविधाओं से दूर, और सरकार की अनदेखी में पलता एक जीवन..."*


🎙️ **Narrator:**

*"मुंडला, कटहल, काठल, मटियाल और सलिंगा – ये गाँव आज भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए एक सड़क की बाट जोह रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई बीच में छूट जाती है, बीमार अस्पताल नहीं पहुँच पाते, और लड़कियाँ शादी के रिश्तों से भी वंचित हो जाती हैं – क्योंकि वहाँ जाने की सड़क नहीं है।"*


🎙️ **Narrator (तेवर में बदलाव):**

*"2014 में गाँव वालों ने हिम्मत की – धरना दिया, प्रदर्शन किया। ₹1.39 करोड़ की योजना पास हुई। लेकिन बाघ के पंजे के निशान के नाम पर वन विभाग ने सड़क निर्माण को रोक दिया। क्या वन और वन्यजीव संरक्षण इतना बड़ा है कि इंसानी जीवन की उपेक्षा की जाए?"*


🎙️ **Narrator:**

*"पलायन बढ़ रहा है। जो लोग लौटना चाहते हैं, वे सड़क न होने की वजह से नहीं लौट पा रहे। सरकार कहती है – ‘हम विकास ला रहे हैं।’ लेकिन ये कौन सा विकास है जो 2025 में भी गाँव को सड़क नहीं दे पाया?"*


🎙️ **Narrator (भावुक समापन):**

*"मुंडला की पुकार सिर्फ एक गाँव की नहीं है – यह पूरे उत्तराखंड की आवाज़ है। एक सड़क सिर्फ गाड़ियाँ नहीं लाती, वो उम्मीद लाती है। और जब उम्मीद टूटती है, तो आज़ादी भी अधूरी लगती है..."*


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## 📄 \[3] RTI + PIL प्रारूप


### 📄 **RTI प्रारूप (वन विभाग/DM कार्यालय हेतु)**


**सेवा में,**

**सूचना अधिकारी, वन विभाग/जिला अधिकारी कार्यालय**

कोटद्वार, जनपद – पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड


**विषय:** RTI अधिनियम 2005 के तहत सूचना हेतु आवेदन – मुंडला क्षेत्र में सड़क परियोजना एवं NOC स्थिति के संबंध में।


**प्रश्न:**


1. मुंडला–घरात सड़क परियोजना की स्वीकृति तिथि, बजट और कार्यान्वयन एजेंसी की जानकारी दें।

2. इस परियोजना के अंतर्गत वन विभाग से NOC के लिए आवेदन कब किया गया?

3. NOC क्यों नहीं दी गई? लिखित आपत्ति/अस्वीकृति पत्र की प्रति दें।

4. क्या बाघ की उपस्थिति की पुष्टि वैज्ञानिक रिपोर्ट से की गई है? उसकी प्रति दें।

5. सड़क निर्माण में अब तक कितनी प्रगति हुई? निधि का कितना उपयोग हुआ?


**प्रार्थी:**

\[आपका नाम]

\[पता/संपर्क]

\[हस्ताक्षर]

\[दिनांक]


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### ⚖️ **PIL प्रारूप (उत्तराखंड हाईकोर्ट हेतु – संक्षिप्त प्रारंभिक ड्राफ्ट)**


**मामला:**

मानवाधिकार उल्लंघन व सड़क सुविधा से वंचन – मुंडला क्लस्टर (पौड़ी गढ़वाल)।


**याचिकाकर्ता:**

\[आपका नाम / संस्था – Udaen Foundation]

**प्रतिवादी:**

राज्य उत्तराखंड, वन विभाग, PWD, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग


**मुख्य बिंदु:**


* शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

* सड़क योजना स्वीकृत होने के बावजूद NOC न देना – अनुच्छेद 21 व 14 का उल्लंघन

* सामाजिक व आर्थिक पिछड़ापन राज्य द्वारा संरक्षित किया गया है


**याचना:**


1. सड़क निर्माण हेतु वन विभाग को NOC देने का निर्देश

2. तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था जब तक सड़क पूरी न हो

3. सरकार को उच्च स्तरीय निगरानी समिति गठन का आदेश


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