उत्तराखंड में 200 से अधिक आंशिक या पूर्ण रूप से जलविद्युत (hydro) परियोजनाएँ चल रही हैं, जो विभिन्न अवस्था में हैं – कुछ सक्रिय हैं, कुछ निर्माणधीन, तो कुछ प्रस्तावित हैं। आइए आंकड़ों पर नज़र डालें:
उत्तराखंड में 200 से अधिक आंशिक या पूर्ण रूप से जलविद्युत (hydro) परियोजनाएँ चल रही हैं, जो विभिन्न अवस्था में हैं – कुछ सक्रिय हैं, कुछ निर्माणधीन, तो कुछ प्रस्तावित हैं। आइए आंकड़ों पर नज़र डालें:
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🏞️ प्रमुख आँकड़े
1. फोर्ब्स जैसी रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य में लगभग 550 डैम और हाइड्रोप्रोजेक्ट्स मौजूद हैं, जिनमें से करीब 152 “बड़े” परियोजनाएँ हैं, और कुल में 550 होने का दावा किया गया है ।
2. एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 18 बड़े (large) हाइड्रोप्लांट्स संचालन में, और 42 परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं, जिनसे मिनी‑माइक्रो सहित कुल परियोजनाओं की संख्या 200 से कहीं बड़ी है ।
3. सैंडआरपी डेटा के अनुसार, अकेले एलाकनंदा, भागीरथी, गंगा-सहायक, रामगंगा, शारदा, यमुना बेसिन में 3594.85 MW क्षमता वाली कुल 45 से अधिक परियोजनाएँ शामिल हैं ।
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🔎 निष्कर्ष
परियोजनाओं की कुल संख्या 550 (बड़े, छोटे, माइक्रो सहित) के आसपास अनुमानित है।
बड़ी परियोजनाएँ (152) के अतिरिक्त, सूक्ष्म डिज़ाइन की सैकड़ों छोटे डैम भी हैं।
इसलिए, आपके प्रश्न का उत्तर स्पष्ट है: हाँ, उत्तराखंड में 200 से ज्यादा जलविद्युत परियोजनाएँ (डैम/प्लांट्स) सक्रिय रूप से चल रही हैं या निर्माणाधीन हैं।
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💡 अतिरिक्त तथ्य
इन परियोजनाओं में सबसे बड़ी है Tehri Dam (~1000 MW), Koteshwar Dam (400 MW), और Tapovan‑Vishnugad (~520 MW) ।
प्रदेश सरकार 2024 में केन्द्रीय अनुमोदन के लिए 21 नई परियोजनाएं (2123 MW) प्रस्तावित कर रही है – यह दर्शाता है कि विकास की गति अभी भी तेज़ है ।
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