## **1️⃣ राजनीतिक और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से न्यू वर्ल्ड ऑर्डर**






### **🔹 न्यू वर्ल्ड ऑर्डर और महाशक्तियों की भूमिका**  

न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को समझने के लिए हमें यह देखना होगा कि **बड़ी वैश्विक शक्तियाँ (Global Superpowers)** इसे कैसे प्रभावित कर रही हैं।  


#### **1. अमेरिका (USA) का दृष्टिकोण**  

- अमेरिका ने शीत युद्ध (Cold War) के बाद से ही **"Rules-Based World Order"** को आगे बढ़ाया।  

- **नाटो (NATO), संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व बैंक (World Bank), और IMF** जैसी संस्थाओं के माध्यम से अमेरिका ने दुनिया पर अपना आर्थिक और सैन्य प्रभाव बनाए रखा।  

- **यूक्रेन-रूस युद्ध, चीन के साथ ट्रेड वॉर, और मध्य एशिया में हस्तक्षेप** इसी नीति का हिस्सा हैं।  

- अमेरिका **One World Government** की अवधारणा को बढ़ावा देता है, लेकिन **लोकतंत्र और मानवाधिकारों के नाम पर**।  


#### **2. चीन का दृष्टिकोण**  

- चीन **"Multipolar World Order"** (बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था) चाहता है, जहाँ अमेरिका का प्रभुत्व कम हो।  

- **बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI)** के जरिए चीन दुनिया भर में अपनी पकड़ बना रहा है।  

- **युआन (Yuan) को डॉलर की जगह वैश्विक मुद्रा बनाना** चीन की दीर्घकालिक योजना है।  

- चीन का **सोशल क्रेडिट सिस्टम और डिजिटल सर्विलांस** न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का एक नया रूप हो सकता है।  


#### **3. रूस का दृष्टिकोण**  

- रूस भी अमेरिका के नेतृत्व वाले विश्व व्यवस्था का विरोध करता है।  

- **यूक्रेन युद्ध, NATO से टकराव, और BRICS में रूस की भूमिका** इसी दिशा में संकेत करते हैं।  

- रूस चाहता है कि **NWO पश्चिमी नहीं, बल्कि बहुध्रुवीय और अधिक संतुलित हो**।  


#### **4. भारत की भूमिका**  

- भारत **किसी गुट में पूरी तरह शामिल नहीं होना चाहता**, लेकिन अपनी स्वतंत्रता बनाए रखना चाहता है।  

- **G20, BRICS, और SCO** जैसे संगठनों में भारत की भागीदारी न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में उसकी बढ़ती भूमिका दर्शाती है।  

- भारत के पास **नवीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल करेंसी, और AI में अग्रणी बनने का मौका** है।  

- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में **भारत का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि वह अमेरिका, चीन, और रूस के बीच कैसे संतुलन बनाए रखता है**।  


### **🔹 क्या पश्चिमी देशों का प्रभुत्व खत्म हो रहा है?**  

✅ हाँ, क्योंकि:  

- चीन, रूस, और भारत जैसी शक्तियाँ उभर रही हैं।  

- **डॉलर की जगह अन्य मुद्राओं को बढ़ावा** दिया जा रहा है।  

- अमेरिका की **आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है** (बढ़ता कर्ज, बैंकिंग संकट)।  

- **युद्ध और वैश्विक अस्थिरता** अमेरिका के प्रभुत्व को कमजोर कर रही है।  


🚫 नहीं, क्योंकि:  

- अमेरिका और यूरोप की **मिलिट्री और टेक्नोलॉजी अभी भी सबसे आगे** है।  

- **NATO और UN** अभी भी पश्चिमी देशों के नियंत्रण में हैं।  

- पश्चिमी देशों की **बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली वैश्विक अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करती है**।  


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