Udaen Foundation: कृषि कार्बन क्रेडिट पायलट प्रोजेक्ट की विस्तृत कार्य योजना



1. परियोजना का परिचय

Udaen Foundation सिद्धपुर गाँव और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक खेती, एग्रोफोरेस्ट्री और सतत कृषि तकनीकों को अपनाकर कार्बन क्रेडिट अर्जित करने और उसे वैश्विक बाजार में बेचने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है।

2. परियोजना के मुख्य उद्देश्य

किसानों के लिए अतिरिक्त आय स्रोत विकसित करना।

कार्बन उत्सर्जन कम करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना।

सिद्धपुर को "कार्बन न्यूट्रल कृषि मॉडल" के रूप में विकसित करना।

महिला मंगल दल और युवा मंगल दल को इस प्रक्रिया में सम्मिलित करना।



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3. कार्यान्वयन योजना

चरण 1: क्षेत्र चयन और किसान भागीदारी (1-3 महीने)

सिद्धपुर गाँव और अन्य संभावित गाँवों का चयन।

कम से कम 50-100 हेक्टेयर भूमि का चिह्नित करना, जहाँ सतत कृषि पद्धतियाँ लागू की जाएँगी।

किसानों को प्रशिक्षण देना – जैविक खेती, एग्रोफोरेस्ट्री, और जलवायु-स्मार्ट कृषि तकनीकों पर कार्यशालाएँ आयोजित करना।


चरण 2: सस्टेनेबल खेती और एग्रोफोरेस्ट्री लागू करना (4-12 महीने)

शून्य जुताई (Zero Tillage) और जैविक खेती को अपनाना।

रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बिना खेती के लिए समर्थन देना।

एग्रोफोरेस्ट्री (पेड़+फसल मॉडल) लागू करना – आम, आंवला, तेजपत्ता, बाँस जैसी फसलें उगाना।

धान की खेती के लिए वैकल्पिक जल प्रबंधन लागू करना, जिससे मीथेन उत्सर्जन घटे।


चरण 3: कार्बन क्रेडिट पंजीकरण और प्रमाणन (6-18 महीने)

अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसियों (Verra, Gold Standard) से पंजीकरण कराना।

फसल और मिट्टी से होने वाले कार्बन अनुशासन का डेटा एकत्र करना।

सौर ऊर्जा और बायोगैस आधारित सिंचाई प्रणाली लागू करना।


चरण 4: कार्बन क्रेडिट बिक्री और लाभ वितरण (12-24 महीने)

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और संगठनों को कार्बन क्रेडिट बेचना।

कम से कम 30% लाभ किसानों में वितरित करना।

स्थानीय किसान सहकारी समिति (Cooperative) बनाकर व्यापार को संगठित करना।



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4. वित्तीय योजना

यदि 100 हेक्टेयर भूमि पर सही तरीके से खेती की जाए, तो सालाना ₹4-8 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है।

बड़े कॉरपोरेट (ITC, अडानी, टाटा) से पार्टनरशिप करके लाभ बढ़ाया जा सकता है।



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5. Udaen Foundation की भूमिका

✔ किसानों को जागरूक करना और प्रशिक्षण देना। ✔ अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसियों से संपर्क स्थापित करना। ✔ स्थानीय पंचायत, महिला मंगल दल और युवा मंगल दल को इस योजना से जोड़ना। ✔ कार्बन क्रेडिट बिक्री के लिए कंपनियों और CSR प्रोजेक्ट्स से फंडिंग लाना। ✔ सिद्धपुर को "कार्बन न्यूट्रल ग्राम" घोषित करने की दिशा में कार्य करना।


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6. संभावित चुनौतियाँ और समाधान


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7. अगला कदम (Next Steps)

1️⃣ सिद्धपुर गाँव के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण करना। 2️⃣ किसानों को इस योजना में शामिल करने के लिए बैठक आयोजित करना। 3️⃣ CSR और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क स्थापित करना। 4️⃣ पहला पायलट प्रोजेक्ट (20-50 हेक्टेयर) शुरू करना। 5️⃣ पहले साल में कार्बन क्रेडिट बिक्री का पहला लक्ष्य तय करना।


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8. निष्कर्ष

✔ यह प्रोजेक्ट सिद्धपुर गाँव को भारत का पहला "कार्बन न्यूट्रल कृषि गाँव" बना सकता है। ✔ किसानों की आय बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। ✔ Udaen Foundation उत्तराखंड में एक मॉडल तैयार कर सकता है, जिसे अन्य गाँवों में भी लागू किया जा सकता है।


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