Udaen Foundation के तहत कृषि कार्बन क्रेडिट पायलट प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिद्धपुर गाँव और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक खेती, एग्रोफोरेस्ट्री और सतत कृषि तकनीकों को अपनाकर कार्बन क्रेडिट अर्जित करना और उसे वैश्विक बाजार में बेचना है।
---
1. प्रोजेक्ट का उद्देश्य
किसानों को अतिरिक्त आय स्रोत प्रदान करना।
कृषि से कार्बन उत्सर्जन कम करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
सिद्धपुर गाँव को "कार्बन न्यूट्रल कृषि मॉडल" के रूप में विकसित करना।
स्थानीय महिला और युवा समूहों (महिला मंगल दल, युवा मंगल दल) को इस प्रक्रिया में शामिल करना।
---
2. प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन चरण
चरण 1: क्षेत्र चयन और किसान भागीदारी
✔ सिद्धपुर गाँव और आसपास के किसानों की पहचान।
✔ कम से कम 50-100 एकड़ भूमि का चयन, जहाँ सतत कृषि पद्धतियाँ अपनाई जा सकती हैं।
✔ किसानों को प्रशिक्षण देना – जैविक खेती, एग्रोफोरेस्ट्री, और जलवायु-स्मार्ट कृषि तकनीकों पर।
चरण 2: सस्टेनेबल खेती और एग्रोफोरेस्ट्री अपनाना
✔ शून्य जुताई (Zero Tillage) और जैविक खेती को बढ़ावा देना।
✔ किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बिना खेती करने के लिए समर्थन देना।
✔ एग्रोफोरेस्ट्री (पेड़+फसल मॉडल) अपनाना – आम, आंवला, तेजपत्ता, और बाँस जैसी फसलें उगाना।
✔ धान की खेती के लिए वैकल्पिक जल प्रबंधन लागू करना, जिससे मीथेन उत्सर्जन घटे।
चरण 3: कार्बन क्रेडिट पंजीकरण और प्रमाणन
✔ एक प्रमाणित कार्बन क्रेडिट एजेंसी (जैसे Verra, Gold Standard) से पंजीकरण कराना।
✔ फसलों और मिट्टी से होने वाले कार्बन अनुशासन का डेटा एकत्र करना।
✔ सोलर और बायोगैस आधारित सिंचाई सिस्टम लागू करना।
चरण 4: कार्बन क्रेडिट बिक्री और किसान लाभ वितरण
✔ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और संगठनों को कार्बन क्रेडिट बेचना।
✔ कम से कम 30% लाभ किसानों में वितरित करना।
✔ स्थानीय किसान सहकारी समिति (Cooperative) बनाकर व्यापार को संगठित करना।
---
3. संभावित वित्तीय लाभ
यदि 100 हेक्टेयर भूमि पर सही तरीके से खेती की जाए, तो सालाना ₹4-8 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है।
बड़े कॉरपोरेट (ITC, अडानी, टाटा) से पार्टनरशिप करके लाभ बढ़ाया जा सकता है।
---
4. Udaen Foundation की भूमिका
✔ किसानों को जागरूक करना और प्रशिक्षण देना।
✔ अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसियों से संपर्क स्थापित करना।
✔ स्थानीय पंचायत, महिला मंगल दल और युवा मंगल दल को इस योजना से जोड़ना।
✔ कार्बन क्रेडिट बिक्री के लिए कंपनियों और CSR प्रोजेक्ट्स से फंडिंग लाना।
✔ सिद्धपुर को "कार्बन न्यूट्रल ग्राम" घोषित करने की दिशा में कार्य करना।
---
5. संभावित चुनौतियाँ और समाधान
---
6. अगला कदम (Next Steps)
1️⃣ सिद्धपुर गाँव के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण करना।
2️⃣ किसानों को इस योजना में शामिल करने के लिए बैठक आयोजित करना।
3️⃣ सीएसआर और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क स्थापित करना।
4️⃣ पहला पायलट प्रोजेक्ट (20-50 हेक्टेयर) शुरू करना।
5️⃣ पहले साल में कार्बन क्रेडिट बिक्री का पहला लक्ष्य तय करना।
---
निष्कर्ष:
✔ यह प्रोजेक्ट सिद्धपुर गाँव को भारत का पहला कार्बन न्यूट्रल कृषि गाँव बना सकता है।
✔ किसानों की आय बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
✔ Udaen Foundation उत्तराखंड में एक मॉडल तैयार कर सकता है, जिसे अन्य गाँवों में भी लागू किया जा सकता है।
---
Comments
Post a Comment