## **2️⃣ आर्थिक और वित्तीय दृष्टिकोण से न्यू वर्ल्ड ऑर्डर**
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का एक महत्वपूर्ण पहलू **वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली** है। दुनिया में **डॉलर की बादशाहत, डिजिटल करेंसी, IMF, और विश्व बैंक** जैसी संस्थाएँ इस नए विश्व व्यवस्था को किस तरह प्रभावित कर रही हैं, इसे विस्तार से समझते हैं।
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### **🔹 1. क्या डॉलर की बादशाहत खत्म हो रही है?**
वर्तमान वैश्विक वित्तीय व्यवस्था **अमेरिकी डॉलर पर आधारित** है। लेकिन न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में डॉलर का प्रभुत्व खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
✅ **डॉलर कमजोर हो सकता है क्योंकि:**
- **BRICS देश (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका)** अपनी खुद की करेंसी प्रणाली बना रहे हैं।
- रूस और चीन **डॉलर के बिना व्यापार कर रहे हैं** (डॉलर्स से हटकर युआन और रूबल में ट्रेड)।
- सऊदी अरब और चीन ने **पेट्रोडॉलर सिस्टम** को कमजोर करने के लिए **युआन में तेल बेचने** की शुरुआत कर दी है।
- अमेरिका का **राष्ट्रीय कर्ज (National Debt) बहुत बढ़ चुका है**, जिससे डॉलर की वैल्यू गिर सकती है।
🚫 **डॉलर अभी भी मजबूत है क्योंकि:**
- **अमेरिका का वित्तीय सिस्टम (IMF, विश्व बैंक, स्विफ्ट पेमेंट सिस्टम) पूरी दुनिया पर हावी है।**
- **वैश्विक व्यापार का 60% से ज्यादा अभी भी डॉलर में होता है।**
- **यूरोप, जापान, और खाड़ी देश अभी भी डॉलर पर निर्भर हैं।**
➡️ **निष्कर्ष:** डॉलर कमजोर हो रहा है, लेकिन अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं होगा। न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में धीरे-धीरे एक **"मल्टी-करेन्सी सिस्टम"** बन सकता है, जहाँ युआन, यूरो, और डिजिटल करेंसी डॉलर को चुनौती देंगे।
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### **🔹 2. IMF, विश्व बैंक और आर्थिक नियंत्रण**
**अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक** वैश्विक वित्तीय सिस्टम को कंट्रोल करने के बड़े टूल्स हैं।
- **IMF क्या करता है?**
- यह **कमजोर देशों को कर्ज देता है**, लेकिन इसके बदले कठोर शर्तें लगाता है।
- इससे **गरीब देश आर्थिक रूप से पश्चिमी देशों पर निर्भर रहते हैं**।
- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में चीन और BRICS **IMF जैसी संस्थाओं का विकल्प** बना सकते हैं।
- **विश्व बैंक क्या करता है?**
- बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंड करता है।
- पश्चिमी देशों की आर्थिक नीतियाँ लागू करने का एक माध्यम है।
- **चीन ने "एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB)" बनाया**, जो विश्व बैंक का एक विकल्प बन सकता है।
➡️ **निष्कर्ष:** IMF और विश्व बैंक की भूमिका न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में घट सकती है, क्योंकि नए वित्तीय संस्थान उभर रहे हैं।
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### **🔹 3. डिजिटल करेंसी (CBDCs) और कैशलेस सोसाइटी**
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में **"डिजिटल करेंसी" (CBDC - Central Bank Digital Currency)** का बड़ा रोल होगा।
✅ **CBDC के फायदे:**
- फिजिकल करेंसी की जरूरत नहीं होगी।
- **पेमेंट सिस्टम तेज़ और सस्ता हो जाएगा।**
- **ग्लोबल ट्रेड में डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल होगा।**
🚫 **CBDC के नुकसान:**
- **सरकारें और बैंक हर ट्रांजैक्शन को ट्रैक कर सकेंगे** (प्राइवेसी खत्म)।
- **नकद (Cash) खत्म होने से लोगों की स्वतंत्रता कम हो सकती है।**
- सरकारें **किसी भी व्यक्ति के खाते को फ्रीज कर सकती हैं** (डिजिटल कंट्रोल बढ़ सकता है)।
➡️ **निष्कर्ष:** न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में डिजिटल करेंसी (CBDC) **एक सशक्त टूल बन सकती है, जिससे सरकारें नागरिकों पर अधिक नियंत्रण कर सकती हैं**।
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### **🔹 4. आर्थिक संकट (Economic Crisis) और न्यू वर्ल्ड ऑर्डर**
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को लागू करने के लिए **आर्थिक संकट भी एक हथियार हो सकता है**।
✅ **कैसे?**
- जब **बैंकिंग सिस्टम अस्थिर हो जाता है**, तब नए वित्तीय नियम लागू करना आसान हो जाता है।
- **2008 का वित्तीय संकट**, **COVID-19 के दौरान आर्थिक मंदी**, और **बैंकिंग सेक्टर में हालिया गिरावट** इसी प्रक्रिया का हिस्सा माने जा सकते हैं।
- **"You will own nothing and be happy"** - यह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की एक सोच है, जिसमें **लोगों को प्रॉपर्टी छोड़कर डिजिटल-आधारित जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।**
➡️ **निष्कर्ष:** न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में आर्थिक संकटों का उपयोग करके **नए आर्थिक नियम और डिजिटल कंट्रोल को लागू किया जा सकता है।**
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