बौद्धिक विकलांगता (Intellectual Disability)

बौद्धिक विकलांगता (Intellectual Disability) एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता (IQ) और अनुकूलन कौशल (adaptive behavior) सामान्य से कम होता है। यह स्थिति 18 वर्ष की आयु से पहले शुरू होती है।


🔹 बौद्धिक विकलांगता की मुख्य विशेषताएं:

  1. बुद्धि का सामान्य से कम स्तर:

    • आमतौर पर IQ 70 से कम होता है।
    • सोचने, सीखने, निर्णय लेने और समस्या सुलझाने में कठिनाई होती है।
  2. अनुकूलन कौशल में कमी: व्यक्ति को दैनिक जीवन की गतिविधियों में कठिनाई होती है, जैसे:

    • वैचारिक कौशल: भाषा, पढ़ाई, लेखन, गणना, समय का ज्ञान।
    • सामाजिक कौशल: दूसरों से संवाद, जिम्मेदारी, आत्मसम्मान, निर्णय लेना।
    • व्यावहारिक कौशल: खाना बनाना, कपड़े पहनना, पैसे का प्रबंधन, नौकरी करना।
  3. बाल्यावस्था या किशोरावस्था में शुरुआत:

    • इसके लक्षण अक्सर छोटी उम्र में दिखने लगते हैं।
    • यह कोई ऐसा विकार नहीं है जो बड़ों में दुर्घटना या बीमारी से होता है।

🔹 बौद्धिक विकलांगता के प्रकार (गंभीरता के अनुसार):

स्तर IQ सीमा (लगभग) विवरण
हल्की 50–70 थोड़े समर्थन से स्वतंत्र जीवन संभव, पढ़ाई में कठिनाई
मध्यम 35–49 रोजमर्रा के कामों में सहायता की आवश्यकता
गंभीर 20–34 निरंतर देखभाल की जरूरत, सीमित भाषा
अत्यंत गंभीर 20 से कम पूर्ण देखभाल पर निर्भर, बहुत सीमित समझ

🔹 बौद्धिक विकलांगता के कारण:

  • आनुवंशिक समस्याएं (जैसे डाउन सिंड्रोम, Fragile X)
  • गर्भावस्था के दौरान समस्याएं (पोषण की कमी, नशा, संक्रमण)
  • जन्म के समय जटिलताएं (जैसे ऑक्सीजन की कमी)
  • बचपन में बीमारियाँ या चोट (जैसे मस्तिष्क में चोट, मस्तिष्क ज्वर)
  • पर्यावरणीय कारण (सीसा विषाक्तता, अत्यधिक गरीबी)

🔹 निदान कैसे होता है?

  • IQ टेस्ट के माध्यम से बौद्धिक क्षमता का मूल्यांकन
  • अनुकूलन व्यवहार का मूल्यांकन
  • विकासात्मक इतिहास और चिकित्सकीय परीक्षण

🔹 उपचार और सहायता:

बौद्धिक विकलांगता का इलाज नहीं है, लेकिन सही समय पर:

  • विशेष शिक्षा
  • थैरेपी (बोलचाल, व्यवहार)
  • सामुदायिक सहायता और कौशल विकास के माध्यम से व्यक्ति आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सक्रिय बन सकता है।


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