चित्रकला और मूर्तिकला में देवी-देवताओं के चित्रण का इतिहास

चित्रकला और मूर्तिकला में देवी-देवताओं के चित्रण का इतिहास बहुत पुराना है। अलग-अलग कालखंडों में विभिन्न कलाकारों और कला शैलियों ने इनका निर्माण किया।

प्राचीन काल (1st - 12th Century CE)

✅ अजन्ता-एलोरा (Ajanta-Ellora) चित्रकला

गुप्त काल (4th-6th Century CE) में बौद्ध, जैन और हिंदू देवी-देवताओं के चित्र बने।

इन चित्रों को नामहीन कलाकारों और भिक्षुओं ने बनाया।


✅ मथुरा और गांधार मूर्तिकला (Mathura & Gandhara Art)

बुद्ध, विष्णु, शिव और अन्य देवी-देवताओं की पहली मूर्तियाँ बनीं।

कलाकारों के नाम प्रायः अज्ञात रहे।



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मध्यकाल (13th - 18th Century CE)

✅ राजस्थानी और पहाड़ी चित्रशैली (Rajasthani & Pahari Painting)

राजा रवि वर्मा (Raja Ravi Varma) – 19वीं सदी

भारतीय देवी-देवताओं को यथार्थवादी (Realistic) शैली में चित्रित किया।

उनकी पेंटिंग्स आज भी देवी-देवताओं के सबसे लोकप्रिय चित्रों में शामिल हैं।



✅ मुगल और राजस्थानी चित्रकला (Mughal & Rajasthani Miniature Art)

मालवा, कांगड़ा और बसोहली शैली में कृष्ण, राधा, शिव-पार्वती के सुंदर चित्र बने।



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आधुनिक काल (19वीं सदी - वर्तमान)

✅ कल्याणीकृण कन्नन (Kalyanikrishnan Kannan) – डिजिटल युग में देवी-देवताओं के चित्र बनाने वाले प्रसिद्ध कलाकार।
✅ B. G. Sharma – पारंपरिक राजस्थानी और तंजावुर शैली के चित्रकार।
✅ Raja Ravi Varma Press – देवी-देवताओं के पोस्टर बनाने में अग्रणी।

आजकल डिजिटल कलाकार और AI-आधारित डिजाइनर भी देवी-देवताओं की तस्वीरें बना रहे हैं।


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