विजय पथ पर चलना है



घबराकर रुकना कैसा,
अब तो आगे बढ़ना है,
हर बाधा को तोड़ चलूँगा,
मुझे विजय पथ पर चलना है।

आँधियाँ रोक नहीं सकतीं,
अंधकार डराएगा क्या?
जलता दीपक राह दिखाए,
हौसला झुकेगा क्या?

संघर्षों की आग में तपकर,
सोना बनकर निकलूँगा,
जो लक्ष्य रखा है मन में,
उसे साकार मैं कर लूंगा।

सपनों को सच करना है,
हौसलों को उड़ान देनी है,
राह कठिन सही, पर ठाना है,
मुझे विजय पथ पर चलना है!

@दिनेश दिनकर 

Comments

Popular posts from this blog

उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्तीय वर्ष 2024-25

कृषि व्यवसाय और ग्रामीण उद्यमिता विकास