भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियम: डिजिटल रुपया (CBDC) और क्रिप्टोकरेंसी



भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल रुपया (Central Bank Digital Currency - CBDC) और क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से समझें।


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1. डिजिटल रुपया (CBDC)

परिचय: डिजिटल रुपया, जिसे e₹ भी कहा जाता है, RBI द्वारा जारी की गई एक डिजिटल मुद्रा है। यह भौतिक नकदी का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है और कानूनी मुद्रा (Legal Tender) के रूप में मान्य है।

मुख्य विशेषताएँ:

इलेक्ट्रॉनिक रूप: यह मुद्रा डिजिटल फॉर्म में होती है, जिसे मोबाइल वॉलेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उपयोग किया जा सकता है।

कानूनी मान्यता: डिजिटल रुपया, भौतिक नकदी की तरह ही, लेन-देन के लिए वैध है।

ऑफ़लाइन लेन-देन: e₹ का ऑफ़लाइन फीचर उपयोगकर्ताओं को सीमित या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी लेन-देन करने की सुविधा देता है, जिससे यह दूरस्थ क्षेत्रों में भी उपयोगी है। 


वर्तमान स्थिति:

RBI ने दिसंबर 2022 में डिजिटल रुपया का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। शुरुआत में, केवल बैंक ही अपने मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से e₹ की पेशकश कर रहे थे। हालांकि, अप्रैल 2024 से, भुगतान कंपनियों को भी e₹ लेन-देन की अनुमति दी गई है। 


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2. क्रिप्टोकरेंसी

RBI का दृष्टिकोण:

RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के प्रति सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी नियमों के मामले में अन्य देशों का अनुकरण नहीं करेगा। 

वर्तमान नियम:

नियमन की कमी: भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने वाला कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है। 

कानूनी स्थिति: भारत में क्रिप्टोकरेंसी रखना अवैध नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्पष्ट नियमों की कमी है।

जोखिम की चेतावनी: RBI ने निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है, क्योंकि यह एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है।



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निष्कर्ष

RBI डिजिटल रुपया को बढ़ावा दे रहा है और इसे मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी के मामले में, RBI ने सतर्क रुख अपनाया है और निवेशकों को इसके जोखिमों के प्रति आगाह किया है।


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